RGA न्यूज चंडीगढ़
हरियाणा की खट्टर सरकार ने प्रदेश की पूर्व हुड्डा सरकार की नियमितीकरण नीतियां रद्द करने से प्रभावित 4654 कर्मचारियों को तगड़ा झटका दे दिया है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से इन कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव, शिशु शिक्षा भत्ता, वार्षिक वेतन बढ़ोतरी, पदोन्नति, एलटीसी, एचटीसी व लोन देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने प्रभावित कर्मचारियों को ये लाभ न देने के आदेश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, डीसी, सभी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, बोर्ड, निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सीए व प्रबंध निदेशकों को इस बारे में पत्र भी भेजा है। पत्र में 31 मई 2018 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 2014 में बनाई पूर्व हुड्डा सरकार की नियमितीकरण नीतियों को रद्द करने का हवाला दिया गया है। मुख्य सचिव ने पत्र में लिखा है कि वह उनका ध्यान हाईकोर्ट की ओर से योगेश त्यागी एवं अन्य बनाम हरियाणा सरकार व अन्य केमामले में सुनाए गए निर्णय की ओर आकर्षित कर रहे हैं।
निर्णय के मद्देनजर 16 जून 2014, सात जुलाई 2014 के तहत ग्रुप बी, 18 जून 2014 और सात जुलाई 2014 के तहत ग्रुप सी व डी के जितने भी कर्मचारी पक्का हुए हैं, उन्हें सरकार के अगले फैसले तक चाइल्ड केयर लीव, शिशु शिक्षा भत्ता, वार्षिक वेतन बढ़ोतरी, पदोन्नति, एलटीसी, एचटीसी व लोन देने पर रोक लगा दी गई है। सभी विभागाध्यक्ष निर्णय का कड़ाई से पालन करें।
मुख्य सचिव के निर्णय से कर्मचारी खफा
मुख्य सचिव के ताजा आदेशों से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने सरकार के पत्र की निंदा करते हुए इसे वादाखिलाफी बताया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव व उपप्रधान सचिव बीते 21 जुलाई को हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में एक्ट लाने का आश्वासन देते हैं और दूसरी तरफ मुख्य सचिव पत्र जारी कर कर्मचारियों के सभी लाभों को रोक रहे हैं।
वार्षिक वेतन बढ़ोतरी रोकना सेवा नियमों के विरुद्ध
संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा कि एक वर्ष संतोषजनक सेवा करने के बाद मिलने वाली वार्षिक वेतन बढ़ोतरी को रोकना तो सेवा नियमों के खिलाफ है। शनिवार को कर्मचारी भवन रोहतक में हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाई है। जिसमें आंदोलन की आगामी रणनीति का एलान किया जाएगा। मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव ने रेगुलराइजेशन एक्ट का मसौदा 23 जुलाई को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा को अपने सुझाव देने के लिए सौंपने का आश्वासन दिया था। मगर अभी तक एक्ट का मसौदा उन्हें नहीं दिया गया। कर्मचारियों का सरकार से विश्वास उठता जा रहा है। चूंकि, आंदोलन के बाद किए गए समझौतों को लागू नहीं किया जा रहा।