अवागढ़। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की शिकार बालिकाओं की सेहत में सुधार नहीं हुआ है। सोमवार को छात्राओं ने चक्कर और पेट दर्द की शिकायत की। इस पर चिकित्सकों की टीम ने विद्यालय पहुंचकर छात्राओं की जांच की। इस दौरान बीएसए एसपी सिंह ने विद्यालय का निरीक्षण कर हालात का जायजा लिया। इस दौरान दो शिक्षिकाएं डेढ़ घंटे की देरी से विद्यालय पहुंचीं। उधर, सोमवार से शुरू वार्षिक परीक्षाओं में 100 में से 32 छात्राओं ने भाग लिया।कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 55 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग की शिकार हो गई थीं। इनमें से चार छात्राओं को आगरा रेफर किया गया था। हालांकि तीन दिन बाद भी छात्राओं की सेहत में सुधार नहीं हो सका है। सोमवार को विद्यालय में कुछ छात्राओं ने पेट दर्द की शिकायत की। इस दौरान चिकित्सकों की टीम ने 32 छात्राओं का चिकित्सकीय परीक्षण कर दवा दी। इसी क्रम में, सोमवार को बीएसए एसपी सिंह ने विद्यालय पहुंचकर अध्यापिकाओं और वार्डन से पूछताछ की। आलम यह रहा कि बीएसए के सामने शिक्षिका तनुजा और रचना डेढ़ घंटे की देरी से विद्यालय पहुंचीं। इस दौरान वार्षिक परीक्षाओं में पहले दिन 32 छात्राओं ने भाग लिया। उधर, छात्राओं को लेकर पहुंचे अभिभावकों ने विद्यालय गेट के बाहर विद्यालय स्टाफ और रसोइया के खिलाफ प्रदर्शन किया और निलंबित करने की मांग की।
विद्यालय में गुटबाजी हावी
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में छात्राओं की तबियत बिगड़ने के मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि गुटबाजी हावी है। अध्यापिकाएं एक-दूसरे पर तमाम आरोप लगा रही हैं। मामले में एसडीएम जलेसर के साथ गठित चार सदस्यीय टीम जांच कर रही है।