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प्रबंधक तो पुलिस ने छुड़ाने के बाद जांच कर रही है कि उसने कैसे शिक्षिका की नौकरी लगवाई थीे।
औद्योगिक थाने में रजनीकांत के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म धोखाधड़ी धमकी जानलेवा हमले जैसे कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं। इस आधार पर माना गया है कि रजनीकांत भी आपराधिक प्रवृत्ति का और जालसाज है। पुलिस उसे अगवा करने के आरोप में फरार चल रहे अभियुक्तों की भी तलाश कर रही है।
प्रयागराज, प्रयागराज शहर में कटरा मनमोहन पार्क के पास से अपहृत किए गए स्कूल प्रबंधक रजनीकांत शुक्ला को पुलिस ने अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़ा लिया है। अब पुलिस उसकी कारस्तानियों का भी पता लगा रही है। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि रजनीकांत ने नौकरी लगवाने के नाम पर कुल 33 लाख रुपये लिए थे। एक लड़की की नौकरी लगवाने के बाद दूसरे की नहीं नियुक्ति नहीं करवा पाया। उसने एक नौकरी के लिए 20 लाख रुपये लिए मगर बाकी की रकम वापस नहीं की।
पुलिस कर रही जांच कि स्कूल मैनेजर ने कैसे लगवाई थी नौकरी
अब पुलिस यह पता लगा रही है कि आखिरकार उसने कैसे नौकरी लगवाई थी। इसकी तफ्तीश करने के बाद अगर कुछ गड़बड़ी मिलती है तो उसके खिलाफ मुकदमा कायम किया जाएगा। औद्योगिक थाने में रजनीकांत के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, धोखाधड़ी, धमकी, जानलेवा हमले जैसे कुल 13 मुकदमे दर्ज हैं। इस आधार पर माना गया है कि रजनीकांत भी आपराधिक प्रवृत्ति का और जालसाज है। हालांकि पुलिस उसे अगवा करने के आरोप में फरार चल रहे दूसरे अभियुक्तों की भी तलाश कर रही है।
स्कूल मैनेजर ने एक की नौकरी बतौर शिक्षिका लगवा दी
औद्योगिक थाना अंतर्गत बेंदों गांव निवासी रजनीकांत शुक्ला श्रीसत्य विद्यापीठ इंटर कालेज का प्रबंधक है। छह साल पहले उसका संपर्क बेनीगंज करेली निवासी शिव नारायण से हुआ था। आरोप है कि रजनीकांत ने शिक्षक पद पर नौकरी लगवाने के लिए वर्ष 2016 में 33 लाख रुपये लिया था। इसके बाद उसने शिवनारायण की बेटी छाया की नौकरी लगवा दी, लेकिन श्याम नारायण की बेटी आरती की नौकरी नहीं लग सकी। तब प्रबंधक से पैसा वापस मांगा जाने लगा। 2017 में उसने चेक दिया मगर बाउंस हो गया।
असलहे के जोर पर किया गया था अपहरण, पुलिस ने छुड़ाया
रुपये को लेकर कई बार विवाद और पंचायत भी हुई थी। गुरुवार शाम करीब चार बजे रजनीकांत बीएसए दफ्तर से मनमोहन पार्क के पास जीप से पहुंचा। फिर वह नलनी फोटो स्टेट में कुछ कागजात का जिराक्स कराने लगा। इसी दौरान वहां पहुंचे युवकों ने असलहे के बल पर प्रबंधक को नीले रंग की कार में जबरन बैठा लिया। घटना से वहां खलबली मच गई तो कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। खबर मिलते ही पूरे शहर में चेकिंग लगा दी गई और कुछ देर बाद कार को करेली में रोककर अपहृत प्रबंधक को छुड़ा लिया गया।