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RGA न्यूज़
निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिषेक ने गुरुवार को जेसीपी के कार्यालय पहुंचकर उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी
भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन एसपी प्रयागराज अभिषेक दीक्षित पर कार्रवाई की गई थी। इस मामले में विभागीय जांच के तहत एडीजी प्रयागराज जोन के भी बयान हुए दर्ज। लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून-व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी इस प्रकरण की विभागीय जांच कर रहे हैं।
लखनऊ:- भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में निलंबित चल रहे प्रयागराज के तत्कालीन एसपी अभिषेक दीक्षित के विरुद्ध विभागीय जांच के कदम भी बढऩे शुरू हो गए हैं। विभागीय जांच कर रहे लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून-व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी ने गुरुवार को अभिषेक दीक्षित के बयान दर्ज किए। इसके साथ ही उन्होंने एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश के भी बयान दर्ज किए।
निलंबित आइपीएस अधिकारी अभिषेक ने गुरुवार को जेसीपी के कार्यालय पहुंचकर उन पर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 2006 बैच के आइपीएस अधिकारी अभिषेक को आठ सितंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि अभिषेक अपने साथ अधिवक्ता को लेकर आए थे, लेकिन जेसीपी ने बयान दर्ज करने के दौरान अधिवक्ता को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं दी। अभिषेक पर एसपी प्रयागराज रहने के दौरान अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के तबादले व पोस्टिंग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। साथ ही पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन न करने व कार्य में शिथिलता की भी शिकायत थी।
शासन ने उनके विरुद्ध विजिलेंस जांच का आदेश दिया था, जिसमें वह विभागीय अनियमितता बरतने के दोषी पाए गए थे। विजिलेंस ने शासन को दी अपनी रिपोर्ट में उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी। बताया गया कि निलंबित एसपी के विरुद्ध एडीजी प्रयागराज जोन ने रिपोर्ट दी थी। इसके चलते ही लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (जेसीपी) कानून-व्यवस्था नीलाब्जा चौधरी ने उनके बयान दर्ज किए हैं।