बांदा में पुलिस के पैरोकार की संदिग्ध हालात में मौत, पलटी होने के बाद नहीं ले पा रहा था सांस

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RGA न्यूज़

27 वर्षीय अमजीत सरोज पुत्र बिहारी लाल निवासी पिपहराई मजरा रसूलपुर थाना पिपरी जिला कौशांबी की शुक्रवार देररात करीब एक बजे संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक हालत बिगड़ गई। उसने अपने साथी पुलिस कर्मियों को बताया कि पलटी होने के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही है

कानपुर, थाने के पैरोकार की संदिग्ध परिस्थितियों में हालत बिगडऩे के बाद उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। उसे पलटी होने के साथ सांस लेने में दिक्कत हुई थी। आइजी व एसपी ने अस्पताल जाकर मामले की जानकारी ली। शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

कालिंजर थाने में तैनात पैरोकार 27 वर्षीय अमजीत सरोज पुत्र बिहारी लाल निवासी पिपहराई मजरा रसूलपुर थाना पिपरी जिला कौशांबी की शुक्रवार देररात करीब एक बजे संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक हालत बिगड़ गई। उसने अपने साथी पुलिस कर्मियों को बताया कि पलटी होने के साथ सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इससे उसे क्षेत्रीय अस्पताल में ले गए। जहां चिकित्सक उसे ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई। बाद में वहां से वह अपने बैरक में लौट गया। शनिवार सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगडऩे लगी तो अन्य पुलिस कर्मियों ने मामले की जानकारी थाना निरीक्षक राजीव यादव को दी। एसआइ संजय सिंह व कांस्टेबल आश्वनी थाने के वाहन से उसे जिला अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। थाना निरीक्षक व अन्य पुलिस कर्मियों ने बताया कि रोजाना की तरह उसने शाम करीब छह बजे शहर से आकर डाक दी थी। इसके बाद अपने बैरक में चला गया था। रात करीब 9 बजे सभी के साथ खाना खाया इसके बाद सभी सोने चले गए थे। देररात अचानक उसकी हालत बिगड़ी है। वह वर्ष 2016 बैच का पैरोकार कांस्टेबल था। 12 जुलाई वर्ष 2019 को कालिंजर थाने में पोस्टिंग हुई थी। एएसपी महेंद्र प्रताप चौहान ने बताया कि अचानक तबियत बिगडऩे के बाद उसने दम तोड़ा है। गार्ड ऑफ आनर की सलामी के बाद घर से आए स्वजन को शव सौंपा जाएगा।

छह माह पहले हुई थी शादी, शाम को घर में की थी बात : मृतक पैरोकार अमरजीत के बड़े भाई रामचंद्र ने बताया कि उसकी छह माह पहले दिसंबर में शादी हुई थी। पहले उसे किसी तरह की बीमारी नहीं थी। शुक्रवार शाम करीब साढ़े 6 बजे उसने अपनी पत्नी सुनीता व अन्य स्वजन से फोन पर बात की थी। उस समय भी उसे कोई परेशानी नहीं थी। अचानक यह कैसे हो गया वह कुछ समझ नहीं पा रहे हैं। वह तीन भाइयों में मंझला था। करीब दस दिन पहले न्यायालय के कार्य से वह कौशांबी आया था। इससे 15 मिनट घर में आकर रुका था। इसके बाद वापस लौट आया था। 

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