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RGA न्यूज़
जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ को बुलाने पर भी विचार।
पहाड़ों पर हो रही झमाझम बारिश से नेपाली नदियां उफना चुकी है। बहराइच लखीमपुर बलरामपुर और सीतापुर में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के डर से ग्रामीण घर-बार छोड़ कर चले गए हैं।
लखनऊ, पहाड़ों पर हो रही झमाझम बारिश के कारण नेपाली नदियां उफना चुकी है। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश के कई जिले बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। कुछ जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं, कई जिलों में ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की तलाश में घर-बार छोड़ कर चले गए हैं। नतीजन बैराजों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला तेज है। शनिवार की सुबह तीनों बैराजों से एक लाख 93 हजार 862 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे घाघरा का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ है। जलस्तर बढ़ने से घाघरा के तटवर्ती गांवों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। कुछ गांवों में कटान जारी है। जलस्तर बढ़ने के बाद से जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन की तैयारियां तेज कर दी है।
गजाधरपुर: कैसरगंज तहसील के मंझारा तौंकली ग्राम पंचायत के ग्यारह सौ रेती, भिरगूपुरवा व हरिजनबस्ती गांव में घाघरा ने कटान शुरू कर दिया है। गांव निवासी सोहन व मोहन के मकान धारा में समाहित हो गया जबकि तटवर्ती किसानों की 15 बीघे कृषि योग्य भूमि धारा में समाहित हो गई।
बौंडी: बौंडी थाना क्षेत्र के तिकुरी व भौंरी ग्राम पंचायत के नगेशरपुरवा गांव में भी घाघरा ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। तिकुरी में खादिम रसूल, अयूब, नईम, मोती व ननकऊ समेत अन्य किसानों की तीन बीघे कृषि योग्य धारा में समहित हो गई जबकि नईम की फुसहर झोपड़ी कटान की जद में है।
बाढ़ पीड़ितों के मदद को आज आएगी एनडीआरएफ: जिला प्रशासन के बाढ़ बचाव तैयारी के क्रम में रविवार को लखनऊ से एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की 11वीं वाहिनी के कमांडेंट मनोज कुमार के निर्देशन में टीम कमांडर इंस्पेक्टर सुरेश कुमार की अगुवाई में 40 सदस्यीय टीम महसी तहसील के राजकीय इंटर कॉलेज रमपुरवा पहुंचेगी। यह जानकारी देते हुए टीम कमांडर इंस्पेक्टर ने बताया कि टीम प्रशिक्षित गोताखोरों, बोट चालकों, नर्सिंग सहायकों व तैराको से सुसज्जित है। टीम के पास दिन व रात में बाढ़ राहत व बचाव कार्य करने के समस्त उपकरण मौजूद हैं। इससे पहले वर्ष 2017, 2018 व 2020 में महसी तहसील के तकरीबन 65 गांव के बाढ़ पीड़ितों के लिए एनडीआरएफ की टीम देवदूत बनकर उभरी थी।
नतीजन यहां के बाढ़ पीड़ित भगवान से पहले इन्हें याद करते हैं। यदि यह दिखे तो समझो जिंदगी सलामत है। जिले का अधिकांश हिस्सा बीते 20 वर्षों से बाढ़ आपदा झेलता चला रहा है। जिले की महसी, मिहीपुरवा, नानपारा व कैसरगंज तहसील के सैकड़ों गांव हर वर्ष बाढ़ के पानी से घिर जाते है। बाढ़ तो इन्हें हर वर्ष सताती है पर इन सालों में इतनी भीषण बाढ़ आई कि लोगों के सामने जीवन मरण का प्रश्न खड़ा हो गया। लोग गहरे पानी में फंस गए। सैकड़ों मकान ढहने लगे । जीवन बचाने के लिए कोई पेड़ पर चढ़ गया तो कोई छत पर। ऐसे में एनडीआरएफ की टीम ने चारों तहसीलों के करीब 4000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला व उन्हें लंच पैकेट, तिरपाल, दवाएं व राशन आदि वितरित किया
लाल निशान से 1.35 मीटर नीचे घाघरा : शनिवार की सुबह आठ बजे घूरदेवी स्पर पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान 112.135 मीटर के सापेक्ष 110.780 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां घाघरा लाल निशान से 1.35 मीटर नीचे बह रही है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता शोभित कुशवाहा ने बताया कि शनिवार की सुबह आठ बजे शारदा बैराज से 39 हजार 395, गिरिजापुरी बैराज से एक लाख 46 हजार 169 व सरयू बैराज से आठ हजार 298 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
लाल निशान से 28 सेंटीमीटर नीचे बह रही घाघरा
गोंडा : शनिवार को सुबह से ही रुकरुक कर बारिश का सिलसिला जारी रहा। बारिश के कारण तटबंध की मरम्मत का कार्य प्रभावित है। वहीं, नदियों के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। खराब मौसम व नदियों का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणा परेशान है। हर कोई बाढ़ की स्थिति में पशुओं व परिवारों के लिए सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर लाल निशान से 44 सेंटीमीटर नीचे है। एसडीएम राजेश कुमार ने बताया कि तटबंध की निगरानी के लिए राजस्व कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है
लखीमपुरः वनवसा वैराज से 1.80 लाख क्यूसिक पानी डिस्चार्ज करने से क्षेत्र में बाढ़ आने की आशंका पलिया व निघसन इलाके में बन गई है। डीएम ने सभी एसडीएम व अन्य अधिकारियों को सतर्क रहने के दिये निर्देश। निचले इलाकों में रह रहे लोगो को चेतावनी देने के साथ उन्हें वहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने को कहा। पुलिस को भी बाढ़ से निपटने के लिए अलर्ट करने को कहा। नाव व अन्य तैयारियों को फिट रखने पर दिया जोर। जरूरत पड़ने पर एनडीआरएफ को बुलाने पर भी विचार।
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राप्ती नदी लाल निशान से मात्र तीन सेंटी मीटर दूर
बलरामपुर: राप्ती नदी का जल स्तर तेजी बढ़ रहा है। नदी 104.590 मीटर पर बह रही है। ख़तरे का निशान 104.620 है। नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के आसपास बाढ़ का पानी भरने लगा है। गौरा चौराहा-तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा, भुसैलवा व सिंघवापुर डिप पर पानी का बहाव तेज होने से आवागमन प्रभावित हो गया। शनिवार सुबह से बादल छाए हैं। हवा चलने से मौसम सुहाना हो गया है।
अम्बेडकरनगर: टांडा में शनिवार सुबह आठ बजे घाघरा नदी का जलस्तर 92.270 मीटर पर बह रहा है, जो खतरे के निशान 92.730 से 46 सेंटीमीटर नीचे है। बीती रात्रि से नदी के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
घाघरा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी
सीतापुर: घाघरा के जल स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को फौजदार पुरवा गांव को कटान से बचाने के लिए सिंचाई विभाग बांस के बंबू स्टड को भी नदी ने अपनी जद में ले लिया है।गोलकोड़र के फौजदारपुरवा व बजहा गांव में 40 बीघा में लगी मेंथा आयल की फसल लगे नदी में समां गई है। करीब 25 बीघा खेतों में कटान चल रहा है।