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स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय आवंटन में अब प्रधान व सचिव हेराफेरी नहीं कर पाएंगे।
केंद्र सरकार ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन अभियान की शुरुआत की थी। इसका मकसद जिले को खुले में शौच मुक्त बनाना था। इसके तहत सरकार हर जरूरतमंद के यहां शौचालय निर्माण करा रही है। जिले में अब तक ढाई लाख से अधिक शौचालय बन चुके हैं।
अलीगढ़ । स्वच्छ भारत मिशन के शौचालय आवंटन में अब प्रधान व सचिव हेराफेरी नहीं कर पाएंगे। पीएफएमएस के माध्यम से अब लखनऊ से ही सीधे लाभार्थी के खाते में शौचालय की धनराशि पहुंचेगी। इसी के चलते एक सप्ताह पहले जिले की 867 पंचायतों से करीब 17 करोड़ का बजट शासन स्तर से वापस मंगा लिया गया है। अब तक पंचायतों के माध्यम से ही लाभार्थियों को शौचालय का लाभ मिलता था। इसमें फर्जीवाड़ों की झड़ी लगी गई थी। इसी को खत्म करने के लिए इसकी शुरुआत हुई है। केंद्र सरकार ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन अभियान की शुरुआत की थी। इसका मकसद जिले को खुले में शौच मुक्त बनाना था। इसके तहत सरकार हर जरूरतमंद के यहां शौचालय निर्माण करा रही है। जिले में अब तक ढाई लाख से अधिक शौचालय बन चुके हैं। एक शौचालय पर 12 हजार की धनराशि खर्च होती है।
यह था नियम
पंचायत स्तर पर सचिव व प्रधान संयुक्त रूप से पात्रों का चयन करते थे। इसके बाद इसकी सूची बनाकर जिला स्तर पर भेजते थे। जिला स्तर पर शासन से एक मुश्त पूरे जिले का बजट आता था। इसी में पंचायत को चेक से धनराशि आवंटित होती थी। फिर, पंचायत स्तर पर सचिव व प्रधान संयुक्त रूप से लाभार्थी का चेक देते थे।
दो-दो हजार
अब तक इस सिस्टम से बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा होता था। प्रधान जिले से तो लाभार्थियों के नाम धनराशि ले लेते थे, लेकिन लाभार्थी को चेक जारी नहीं करते। तमाम प्रधानों ने तो पूरी पंचायत की धनराशि को ही ठिकाने पर लगा दिया। वहीं, कुछ प्रधान चेक देने से पहले दो हजार रुपये की वसूली करते थे, फिर चेक काट कर देते थे। कई पंचायतों में प्रधानों ने ही ठेके में घटिया गुणवत्ता के शौचालय बनवा डाले।
बदलाव का निर्णय
ऐसे में अब शासन स्तर से इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नियम में बदलाव किया गया है। अब सीधे लाभार्थी के खाते में ही धनराशि पहुंचेगी। पीएफएमएस से यह पैसा खाते में आएगा। प्रधान व सचिव के पास महज लाभार्थियों के चयन का अधिकार होगा। यह सूची बनाकर देंगे और निर्माण की मानिंटरिंग करेंगे। लाभार्थी स्वयं शौचालय का निर्माण कराएगा।
17 करोड़ वापस
इस नए आदेश के बाद पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए पड़े हुए 17 करोड़ की धनराशि को वापस मंगा लिया गया है। कई पंचायतों में इसे वापस करने में आनाकानी की, लेकिन चला शासन स्तर से डंडा पड़ा तो पैसा वापस चला गया।
इनका कहना है
अब पंचायत की जगह सीधे लाभार्थी के खाते में पैसा पहुंचेगा। अलीगढ़ समेत प्रदेश के सभी जिलों से पुराने बजट को वापस मंगा लिया गया है।