10 रुपए का सिक्का ना लेने पर अदालत ने दुकानदार को दी सजा

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RGANews

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में एक स्थानीय अदालत ने एक दुकानदार को ग्राहक से दस रुपये के सिक्के लेने से इनकार करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक की सजा साथ ही 200 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। सहायक लोक अभियोजक अधिकारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में जौरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट जेपी चिडार की अदालत ने एक दुकानदार अरुण जैन को सामान के बदले ग्राहक आकाश से 10 रुपये के सिक्के लेने से इनकार करने का दोषी ठहराया। न्यायालय ने आरोपी दुकानदार को अदालत उठने तक की सजा और 200 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

उन्होंने बताया कि ग्राहक आकाश ने जौरा कस्बे में बनियापारा स्थित दुकानदार अरुण जैन की दुकान से 17 अक्टूबर 2017 को दो रुमाल खरीदने के बाद 10-10 रुपये के सिक्के दिये। दुकानदार ने 10 रुपये के सिक्के यह कहते हुए आकाश को वापस कर दिये कि ये सिक्के अब बाजार में चलन में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि खरीददार ने दुकानदार को बताया कि कलेक्टर मुरैना का आदेश है कि 10 रुपये के सिक्कों को लेने से कोई इनकार नहीं कर सकता है और ये सिक्के बाजार में चलन में हैं, लेकिन दुकानदार नहीं माना और उसने ग्राहक से रुमाल वापस लेकर उसे वहां से चलता कर दिया।

सिंह ने बताया कि खरीददार ने घटना की रिपोर्ट जौरा पुलिस थाने में दर्ज कराई। पुलिस ने दुकानदार अरुण जैन के विरुद्ध कलेक्टर द्वारा सिक्के स्वीकार करने के संबंध जारी आदेश का उल्लंघन करने का मामला दर्ज कर दुकानदार को गिरफ्तार कर लिया और फिर जांच के बाद प्रकरण का चालान अदालत में पेश किया। उन्होंने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट जौरा ने प्रकरण की सुनवाई के बाद दुकानदार अरुण जैन को भादंवि की धारा 188 के तहत कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करने का दोषी पाया और उसे अदालत उठने तक की सजा और 200 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

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