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विद्यार्थी किताबें पढ़कर अपनी रीडिंग हैबिट्स को बढ़ा रहे हैं।
विद्यार्थी किताबें व नावल पढ़कर अपनी रीडिंग हैबिट्स को बढ़ा रहे हैं। जिसमें शिक्षक भी उनकी खूबियों को सराह रहे हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के अच्छे व्यक्तित्व को बढ़ाने के उद्देश्य से अच्छी बुक्स और नावल पढ़ने के लिए भी गाइड कर
जालंधर। अब विद्यार्थी किताबें व नावल पढ़कर अपनी रीडिंग हैबिट्स को बढ़ा रहे हैं। जिसमें शिक्षक भी उनकी खूबियों को सराह रहे हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के अच्छे व्यक्तित्व को बढ़ाने के उद्देश्य से अच्छी बुक्स और नावल पढ़ने के लिए भी गाइड कर रहे हैं। सीबीएसई की तरफ से रीडिंग मंथ मनाया जा रहा है, जिसके तहत ही स्कूली विद्यार्थियों में बेहतर समझ और ज्ञान की बढ़ोतरी के मुख्य रखते हुए ही यह गतिविधियां करवाई जा रही है। ताकि विद्यार्थी स्कूल में न होकर भी घर से ही किताबों से जुड़े रहें और अपने खूबियों को समझें। जिसके लिए बोर्ड के अकादमिक डायरेक्टर्स की तरफ से भी सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों और हेड्स को इस संबंध में गाइडलाइंस पहले ही जारी कर दी हुई हैं। जिसके जरिए बताया गया था कि इस रीडिंग मंथ का उद्देश्य और खासियत। जिसके जरिए यह भी कहा गया था कि वे इस दिवस को खास बनाने के लिए अपने-अपने स्कूलों में गतिविधियां करवाए और अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इसमें शामिल करें। जिसके लिए बच्चों को बुक्स भी सजेस्ट करें और उनकी बुक्स की खासियत से जुड़ी एक्ट्विटिज भी करवाएं। ताकि विद्यार्थी अगर किताब व नावल पड़ें तो उससे अच्छी बातें और ज्ञान भी लें।
स्कूल शिक्षक व क्लास इंचार्ज बच्चों से किताब से जुड़े फैक्ट्स के बारे में भी जान सकता है और उसकी खासियत पर आधारिट चार्ट भी सुनिश्चित करें। क्योंकि अगर विद्यार्थी किताबें पढ़ेगा और उसके फैक्ट्स को भी नोट डाउन करता है तो उससे मिलने वाला ज्ञान उसे जीवन भर याद रहेगा। इसके अलावा क्विज कंपीटिन आदि की गतिविधियां भी करवाई जा सकती हैं। प्रिंसिपल डा. रश्मि विज का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां विद्यार्थियों के बेहतर विकास को ध्यान में रखते हुए बेहद जरूरी हैं। कोविड काल में जब स्कूल बंद हैं और बच्चे घर पर हैं तो इसकी महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है। जिससे बच्चों में किताबें पढ़ने की रूचि भी बढ़ती हैं और उन्हें उनसे ज्ञान भी मिलता है।