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बिजली फाल्ट तीन दिन से होने के कारण 20 लाख जनता को पीने के पानी के लिए जूझना पड़ा
बैराज में पुराने वाटर प्लांट से पश्चिम क्षेत्र की पांच लाख आबादी को रोज साढ़े चार करोड़ लीटर जलापूर्ति की जाती है। यहां से इंदिरानगर शारदा नगर गीतानगर कल्याणपुर आवास विकास कल्याणपुर मकड़ीखेड़ा समेत कई इलाकों में जलापूर्ति होती है।
कानपुर, जलकुंभी और बिजली संकट से तीसरे दिन भी पानी को लेकर 35 लाख जनता जूझी। जलकुंभी के चलते बैराज के दोनों प्लांट रुक-रुक कर चलने के कारण तीन दिन से 15 लाख जनता को लो प्रेशर से पीने का पानी मिल पा रहा है। वहीं जलकल मुख्यालय बेनाझाबर में बिजली फाल्ट तीन दिन से होने के कारण 20 लाख जनता को पीने के पानी के लिए जूझना पड़ा।
बैराज में पुराने वाटर प्लांट से पश्चिम क्षेत्र की पांच लाख आबादी को रोज साढ़े चार करोड़ लीटर जलापूर्ति की जाती है। यहां से इंदिरानगर, शारदा नगर, गीतानगर, कल्याणपुर, आवास विकास कल्याणपुर, मकड़ीखेड़ा समेत कई इलाकों में जलापूर्ति होती है। इसके अलावा बैराज में बने नए प्लांट से उत्तर और साउथ सिटी की दस लाख आबादी को रोज छह करोड़ लीटर जलापूर्ति किया जाता है। तीन दिन से बैराज में जलकुंभी और सिल्ट आने के कारण प्लांट को पूरा पानी नहीं मिल पा रह है। इसके चलते प्लांट से जुड़े इलाकों में लो प्रेशर से जलापूर्ति हो रही है। गुजैनी वाटर ट्रीमेंट प्लांट व लोअर गंगा कैनाल बंद होने और बिजली फाल्ट के चलते जलकल मुख्यालय बेनाझाबर से पूरी जलापूॢत नहीं हो पा रही है।
इससे बीस लाख जनता जूझ रही है। दर्शनपुरवा, कौशलपुरी, रामबाग, जवाहर नगर, नेहरू नगर, रामकृष्णनगर, परेड, सूटरगंज, ग्वालटोली, परमट, हर्षनगर, अशोक नगर, गुमटी नंबर पांच समेत कई इलाकों में पानी का संकट है। जल निगम के परियोजना प्रबंधक शमीम अख्तर ने बताया कि जलकुंभी साफ की जा रही है। जलकल के अवर अभियंता रवि प्रकाश ने बताया कि फाल्ट के कारण शाम को जलापूर्ति गड़बड़ा गई। उधर, नवाबगंज टंकी से जलापूर्ति ठीक न होने से नाराज क्षेत्रीय लोगों ने पूर्व पार्षद राजकिशोर यादव के साथ टंकी में धावा बोला। यहां पर तैनात आपरेटर अरविंद और अजय ताला लगाकर गायब हो गए थे। टंकी बंद होने के कारण जलापूॢत नहीं हो पा रही थी। पार्षद नीतू मिश्रा ने भी जनता के साथ बर्रा में पानी न आने का ज्ञापन जलकल महाप्रबंधक को दिया।