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चिराग ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा-पापा को भी नहीं थे पसंद
लोजपा में चाचा-भतीजा की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। चिराग लगातार चाचा को मनाने के लिए इमोशनल कार्ड फेंक रहे हैं मंगलवार को एक बार फिर उन्होंने चाचा पशुपति पारस को लेकर कई बातें कही वहीं सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा।
जमुई। लोजपा में भतीजा चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस पर लगतार हमलावर हैं। दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन करने के बाद चिराग की बॉडी लैंग्वेज भी चेंज हो गई है। उनका आत्मविश्वास भी काफी बढ़ गया है। इसी रणनीति के तहत उन्होंने मंगलवार को चार पन्ने का पत्र जारी किया है।
चिराग ने पत्र में लिखा, 'पिता की मौत के बाद लगा था चाचा पारस उनका मार्गदर्शन करेंगे। परंतु वे मुझे बीच मझधार में ही छोड़कर चले गए। चाचा रामचंद्र पासवान की मौत के बाद पापा ने प्रिंस को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, ताकि समय रहते वह सबकुछ सीख ले। परंतु चाचा पारस ने समझा कि मैंने उन्हें हटाया है। चिराग ने सवालिया लहजे में चाचा पारस से पूछा कि पिता की मौत हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ वे अनाथ छोड़कर चले गए। मेरी जगह उनका बेटा होता तो क्या उसके साथ भी यही बर्ताव करते।'
सीएम नीतीश कुमार पर भी हमलावर हुए चिराग
चिराग ने नीतीश कुमार के बारे में भी खूब सुनाया। कहा कि नीतीश कुमार हमेशा तोड़फोड़ की राजनीति में विश्वास करते हैं। बिहार में 2005 में मेरी पार्टी से 29 विधायक को तोड़कर अपनी सरकार बना ली। 2014 में मेरी पार्टी एनडीए के साथ आई, उस वक्त नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े। 2017 में जब नीतीश कुमार एनडीए में दुबारा शामिल हुए तो पापा एडजस्ट नहीं कर पा रहे थे। परंतु गठबंधन धर्म मानकर साथ दिया। इसके बावजूद 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान मेरे सभी सांसदों हराने की पुरजोर कोशिश की। रामविलास पासवान जब बीमार थे तो एक बार भी उनके स्वास्थ्य की जानकारी नहीं ली। उल्टे पत्रकारों के सवालों का जबाव दिया कि क्या वे दो विधायक के रहते राज्यसभा में जा सकते हैं।
अपने पत्र में चिराग पासवान ने लिखा, 'पापा ने कभी भी नीतीश कुमार के साथ कोई समझौता नहीं किया। 2014 में हमारा गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के साथ था, तब नीतीश कुमार जी मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रधानमंत्री दावेदारी के मुद्दे पर एनडीए से अलगर हुए थे। 2017 में नीतीश कुमार की एनडीए में रातों-रात वापसी की बाद पिता जी काफी विचलित हुए क्योंकि वो नीतीश कुमार के साथ काम करने सहज नहीं थे।
इसके साथ ही उन्होंने तमाम बातें अपने पत्र में लिखीं। अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चिराग ने लिखा की हमें एक लंबी और राजनीतिक और सैद्धांतिक लड़ाई लड़नी है, ये लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के अस्तित्व की नहीं बल्कि रामविलास पासवान की विचारधारा को बचाने की है। पार्टी से निकाले गए मुट्ठीभर लोग हम से हमारी पार्टी नहीं छीन सकते, पार्टी हमारी थी और हमारी ही रहेगी।