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वेस्टमिंस्टर कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज ने 25 फरवरी को प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाया था।
भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी को ब्रिटेन के अदालत से बड़ा झटका लगा है। ऐसे में अब उनका भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने आज (बुधवार) नीरव के उस आवेदन को खारिज कर दिया। जिसमें भारत प्रत्यर्पण को रोकने की अपील की गई थी। बता दें वेस्टमिंस्टर कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट जज ने 25 फरवरी को प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाया था। इस फैसले को चुनौती देने के लिए मोदी ने अपील दायर की थी।
14 हजार करोड़ का किया घोटाला
बता दें जनवरी 2018 में पंजाब नेशन बैंक के लाइन ऑफ क्रेडिट के माध्यम से 14 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। जिसके बाद नीरव मोदी अपने परिवार के साथ विदेश भाग गया। सीबीआई और ईडी ने जांच में मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ रेडकॉर्नर नोटिस जारी किया था। दिसंबर 2018 में नीरव के भेष बदलकर लंदन में रहने की पुष्टि हुई थी। इस घोटाले का दूसरा आरोपी मेहुल एंटीगुआ फरार हो गया है। एंटीगुआ के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए कूटनीतिक प्रयत्न में लगी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्रवाई
इधर अरबों रुपए के घोटाले के आरोपी विजय माल्या, मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशायलय ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने इन तीनों के संपत्ति का एक हिस्सा सरकारी बैंकों और केंद्र को ट्रांसफर कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। निदेशालय ने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में पीएमएलए के तहत 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी। साथ ही निदेशायल ने यह भी बताया है कि यह बैंकों को हुए कुल नुकसान के 80.45 फीसदी राशि के बराबर है, जिसका एक हिस्सा बैंकों और सरकार को ट्रांसफर कर दिया गया है।