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मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने मछुआरों की समस्याओं को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा।
गुजरात सरकार के मत्स्य उद्योग राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने कहा कि सरकार ने चक्रवात से प्रभावित मछुआरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की लेकिन मछुआरों को इसमें से कुछ नहीं मिला। सरकार की योजनाओं का लाभ मछुआरों तक नहीं पहुंचता है।
अहमदाबाद, गुजरात सरकार में राज्य मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने मछुआरों की समस्याओं को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा। सोलंकी के बयान को लेकर अब कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है। गुजरात सरकार के मत्स्य उद्योग राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी ने कहा कि सरकार ने चक्रवात से प्रभावित मछुआरों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की, लेकिन मछुआरों को इसमें से कुछ नहीं मिला। सरकार की योजनाओं का लाभ मछुआरों तक नहीं पहुंचता है। समुद्री किनारे पर बसे खरवा, कोली, मुस्लिम समुदाय के लोगों को सरकार की सहायता नहीं पहुंच पा रही है। समाज के लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। सोलंकी ने मुख्यमंत्री के पद पर दावेदारी जताने वाले पाटीदार समाज से भी कहा कि ऐसा करने से कुछ नहीं होता।
उनका दावा है कि वह चाहे तो कोली समाज को पूरे प्रदेश से एकत्र कर पाटीदार समाज से बड़ा प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं करना चाहते। सोलंकी के इन बयानों को लेकर कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने कहा कि सरकार के एक मंत्री खुद स्वीकार रहे हैं कि अनेक समाज के लोग परेशान हैं। मोढवाडिया ने कहा कि सरकार आर्थिक पैकेज की घोषणा करती है, लेकिन मछुआरों को बोट के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता भी बंद कर दी गई है। कांग्रेस नेता का कहना कि गुजरात सरकार बड़ी-बड़ी योजनाएं व आर्थिक पैकेज लाती है, लेकिन वह जनता तक नहीं पहुंच पाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वोट के लिए मिलने वाली सब्सिडी बंद कर दी। सरकार केवल बड़े औद्योगिक समूह को मदद करने की नीति पर काम कर रही है। आम आदमी इससे परेशान है। गुजरात में पिछले माह चक्रवात के कारण समुद्री किनारों पर भारी तबाही मची थी। केंद्र सरकार ने 1000 करोड़ व राज्य सरकार ने 500 करोड रुपये का आर्थिक पैकेज दिया है, लेकिन इसके बावजूद सरकार के ही एक मंत्री का लोगों तक सहायता नहीं पहुंचने संबंधी बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।