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RGA न्यूज़
पिता की बीमा राशि ने दी पांच बेटियों को बड़ी राहत, बैंक पहुंचे तो चला पता, मिले चार लाख रुपये
गांव आसलवास निवासी हवासिंह ने बताया कि मेरे बेटे राकेश की 27 फरवरी 2020 को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। बेटे का एसबीआई बैंक में खाता था। उस समय बैंक खाते में करीब तीन हजार रुपये जमा थे। हम उसे बंद करवाने के लिए बैंक गए थे।
भिवानी, भिवानी में पांच बेटियों के पिता की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बेटे की मौत से पिता के आंखों से आंसू सूख नहीं रहे थे, क्योंकि इससे पहले एक बेटे की मौत भी सड़क हादसे में हो चुकी थी। उपर से घर की माली हालत और भी तंग कर रही थी। मृतक पति के बैंक खाते में जमा कुछ रुपये निकालने से शाायद कुछ मदद मिलेगी यही सोच परिवार जब बैंक में गया तो किस्मत ही बदल गई। ऐसा नहीं कि मृतक के खाते में कोई मोटी रकम थी। रुपये तो महज तीन हजार ही थे। मगर बैंक मैनेजर ने बताया कि मृतक के नाम का बीमा है जो महज 200 रुपये में हुआ था मगर सड़क हादसे में मौत होने के चलते चार लाख रुपये मुवाअजा मिलेगा। यह सुनते ही मृतक के स्वजनों की खुशी का ठिकाना न रहा।
बता दें कि गांव आसलवास निवासी राकेश की चार लाख रुपये की बीमा राशि ने पत्नी कविता और 13-14 साल से छोटी पांच बेटियों को राहत दी। खुद मृतक राकेश के परिवार को यह जानकारी तक नहीं थी कि बीमा भी करवाया है। खास बात यह कि सड़क दुर्घटना में अकाल का ग्रास बनने से मात्र 10 दिन पहले बीमा करवाया गया था। उस समय उसके बैंक खाते में करीब तीन हजार रुपये जमा था। परिवार के सदस्यों को रुपये की जरूरत हुई तो वे बैंक में रुपये निकलवाने और खाते को बंद करवाने के लिए आए। इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने जानकारी दी कि राकेश ने दुर्घटना बीमा करवाया है। जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जाएं तो उनको चार लाख रुपये मिल सकते हैं।
गांव आसलवास निवासी मृतक राकेश के आश्रितों को बुधवार को चार लाख रुपये मिले तो उस राशि की एफडी मृतक की पत्नी कविता के नाम करा ली। गांव आसलवास निवासी हवासिंह ने बताया कि मेरे बेटे राकेश की 27 फरवरी 2020 को सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। बेटे का एसबीआई बैंक में खाता था। उस समय बैंक खाते में करीब तीन हजार रुपये जमा थे। हम उसे बंद करवाने के लिए बैंक गए तो बैंक कर्मचारियों ने बताया कि राकेश का बीमा हुआ है। बीमे के आधार पर उसके लिए सहायता राशि बनती है। इसके बाद बैंक ने हमसे जो औपचारिकता पूरी करवाई वह सब पूरी की गई। बैंक ने सब औपचारिकता करवाने के बाद बुधवार को चार लाख रुपये दिए तो उस राशि की मृतक राकेश की पत्नी कविता के नाम एफडी करवा दी।
मृतक राकेश की हैं पांच बेटियां, परिवार में कमाने वाला कोई नहीं :
मृतक राकेश के पिता हवासिंह ने बताया कि उसके दो बेटे थे। दोनों की सड़क दुर्घटनों में मौत हो गई। बड़ा बेटा वर्ष 2010 में सड़क दुर्घटना में अकाल का ग्रास बन गया। दूसरा बेटा राकेश फरवरी 2020 मेेंं सड़क दुर्घटना में मौत का शिकार हो गया। राकेश के पांच बेटियां हैं और बड़े बेटे की तीन बेटियां हैं। अब बस मेहनत मजदूरी से ही गुजारा हो रहा है।
---बैंक खाता धारकों को बीमा जरूर करवाना चाहिए। गांव आसलवास के राकेश ने भी अपना बीमा करवाया था। इसलिए उसके आश्रितों को यह बीमा राशि मिल सकी।