रेलवे का केंद्रीय चिकित्‍सालय: कोरोना काल में रेलवे अस्पताल मरीजों को दी बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा

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RGAन्यूज़

कोरोना की दूसरी लहर में रेलवे के केंद्रीय चिकित्‍सालय प्रयागराज के चिकित्‍सकों ने मरीजों की सेवा की।

डा. संजय कुमार इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी लोगों को सतर्क रहने के लिए जागरूक किया। अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी रेलवे अस्पताल अग्रणी रहा। कोविड के इलाज के कारण रेलवे चिकित्सालय से बड़ी संख्या में बायो मेडिकल वेस्ट के उत्सर्जन की स्थिति आई

प्रयागराज, प्रयागराज में रेलवे का केंद्रीय चिकित्‍सालय भी है। कोरोना वायरस संक्रमण के दूसरी लहर में भी इस चिकित्‍सालय ने मरीजों को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा मुहैया कराई। कोरोना काल में लेवल -2 वार्ड बनाया गया। इसमें कोविड संबंधी व्यवस्थाओं के साथ ही सामान्य चिकित्सीय सुविधाओं का संचालन किया जाता रहा। शहर के अस्पतालों की ओपीडी बंद थी लेकिन, रेलवे अस्तपाल में डॉक्टरों ने ओपीडी जारी रखी।

काेविड वार्ड भर्ती मरीजों ने सफाई व्‍यवस्‍था पर संतोष जताया

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक में केंद्रीय चिकित्सालय में कार्यरत जनरल सर्जन डॉ. संजय ने 125 मेजर व 567 माइनर ऑपरेशन किए। इसमें इस वर्ष मार्च में 32 मेजर ऑपरेशन समेत 20 लेपरोस्कोपी सर्जरी शामिल है। ऑर्थोपेडिक्स सर्जन डॉ एसएस नायक ने हड्डी और नसों संबंधी समस्याओं के 10 स्पेशल, 41 मेजर व 498 माइनर ऑपरेशन किए। इसमें सीएमएस और वरिष्ठ सर्जन डा. सुमंत बहल, मेट्रन रुथ सिंह एवं सिस्टर मंजू देवी सोनकर का अहम योगदान रहा। कोविड वार्ड में भर्ती रेलवे और आमजन ने भी सफाई व्यवस्था पर संतोष जताया था। 

कोरोना की दूसरी लहर में आक्‍सीजन सप्‍लाई

कोरोना की दूसरी लहर में आक्सीजन सप्लाई की जिम्मेदारी डॉ. एसएस नायक को मिली तो उन्होंने नैनी आक्सीजन प्लांट में खुद पहुंचकर यूपी सरकर के अधिकारियों से आग्रह कर प्रतिदिन 190 से 210 आक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई कराई। रेलवे अस्पताल में सर्जिकल ओपीडी में मरीजों की देखरेख और ट्रॉमा के मरीजों की भर्ती की गई। 

इंटरनेट मीडिया के माध्‍यम से रेलवे चिकित्‍सक ने लोगों को किया जागरूक

डा. संजय कुमार इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी लोगों को सतर्क रहने के लिए जागरूक किया। अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में भी रेलवे अस्पताल अग्रणी रहा। कोविड के इलाज के कारण रेलवे चिकित्सालय से बड़ी संख्या में बायो मेडिकल वेस्ट के उत्सर्जन की स्थिति आई। डॉ. नायक ने बायो मेडीकल वेस्ट जैसे पीपीई किट, मास्क आदि का भी निस्तारण कराया।

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