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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ बठिंडा में टैंकर संचालकों ने हड़ताल शुरू कर दी है। सांकेतिक चित्र।
बठिंडा में तेल कंपनियों के तीन डिपो हैं जहां से हर रोज 200 के करीब तेल के टैंकर निकलते हैं। टैंकर संचालकों की हड़ताल के कारण अब इनकी सप्लाई बंद हो गई है। पेट्रोल पंपों पर भी मात्र दो दिनों का स्टॉक रह गया है।
। डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ बठिंडा में ट्रक और टैंकर संचालकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल का असर आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर पड़ सकता है और लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बठिंडा में तेल कंपनियों के तीन डिपो हैं, जहां से हर रोज 200 के करीब तेल के टैंकर निकलते हैं। हड़ताल के कारण अब इनकी सप्लाई बंद हो गई है। पेट्रोल पंपों पर भी मात्र दो दिनों का स्टॉक रह गया है। अगर यही हालत रहे आने वाले दिनों में लोगों को तेल की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है
दूसरी तरफ तेल डिपो के अधिकारियों ने तेल की सप्लाई को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन से भी सहयोग मांगा गया है। बठिंडा में तीन मुख्य तेल कंपनियों- भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व इंडियन ऑयल के तेल डिपुओं के अलावा गैस प्लांट भी हैं। इनके द्वारा बठिंडा के साथ-साथ आसपास के एरिया में भी तेल की सप्लाई की जाती है
पेट्रोल पंपों पर सिर्फ दो दिनों का स्टॉक
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान विनोद बांसल ने कहा कि जिले में हर रोज एक लाख लीटर के करीब डीजल व 25 हजार लीटर के करीब पेट्रोल की खपत होती है। हड़ताल के कारण अब पंपों पर स्टाक सिर्फ दो दिनों का रह गया है। उन्होंने कहा कि जब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।