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शरद पवार के आवास पर हुई बैठक पर शिवसेना का कटाक्ष
एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली आवास पर हुई हाई प्रोफाइल बैठक शिवसेना ने अपने मुख पत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय के जरिये कटाक्ष करते हुए कहा है कि इस मीटिंग को लेकर मीडिया इतना प्रचार कर रहा था लेकिन इससे तो कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
मुंबई, शिवसेना के मुखपत्र सामना, ने वीरवार का अपने संपादकीय में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के दिल्ली आवास पर हुई हाई प्रोफाइल बैठक पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बैठक से तो कुछ भी हासिल नहीं हुआ। दरअसल शिवसेना इस बैठक में शामिल नहीं हुई थी जिसे शरद पवार ने कथित तौर पर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्षी मोर्चा के निर्माण के लिए बुलाया था।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि, “दिल्ली में स्थित शरद पवार के आवास पर ‘राष्ट्र मंच’ नामक विपक्षी दलों के एक समूह की एक बैठक बुलाई गई थी। मीडिया इस बैठक का इतना प्रचार कर रहा था लेकिन इसके बावजूद भी इस बैठक से कुछ हासिल नहीं हुआ। संपादकीय में लिखा गया है कि कुछ लोगों ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी का विरोध करने के लिए इस बैठक में हिस्सा लिया था।
इस बैठक में जावेद अख्तर, राष्ट्रीय कांग्रेस के उमर अब्दुल्ला, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी बिनॉय विश्वम, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नीलोत्पल बसु, पूर्व न्यायाधीश एपी शाह, पवन वर्मा, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता और सुधींद्र कुलकर्णी जैसे लोग मौजूद थे। शिवसेना ने पूछा कि …क्या मोदी और भाजपा के खिलाफ गठबंधन ही विपक्ष की सांठगांठ का लक्ष्य था?”
कांग्रेस को इसका नेतृत्व करने के लिए आगे आना चाहिए लेकिन ये तो खुद ही बीते कई माह से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बिना ही संघर्ष कर रही है। हमारा मानना है कि कांग्रेस जैसे बड़े विपक्षी दल को पूरे विकास को समानता के साथ करना चाहिए। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को विपक्ष को एकजुट करने में शरद पवार के प्रयास में सहयोग करना चाहिए। तभी विपक्षी दल एकजुट हो पाएंगे।