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यमुनानगर में 20 हजार बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
यमुनानगर में पल्य पोलियो अभियान 27 जून से चलेगा। तीन दिन तक यह अभियान चलाया जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी है। इसलिए केवल 917 हाई रिस्क क्षेत्रों में बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
यमुनानगर, कोरोना महामारी के बीच इस बार भी हाई रिस्क क्षेत्रों में ही पल्स पोलियो अभियान चलेगा। 27 जून से तीन दिनों तक यह अभियान चलेगा। 917 हाई रिस्क क्षेत्र यमुनानगर जिले में चिन्हित किए गए हैं। करीब 20 हजार नौनिहालों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
हालांकि इस समय बरसात का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में ईंट भट्ठों के मजदूर बच्चों सहित गांव जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का फोकस स्लम क्षेत्रों में रहेगा, क्योंकि इन क्षेत्रों से ही बीमारी फैलने का खतरा अधिक रहता है। 17 जनवरी को कोरोना के केस कम होने पर स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में पोलियो अभियान चलाया था। जिसमें एक लाख 32 हजार 74 बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई गई थी। अब कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन चल रहा है। दूसरा कोरोना की तीसरी लहर आने का भी अंदेशा है। इसे देखते हुए विभाग ने एक बार फिर केवल हाई रिस्क क्षेत्रों में ही पोलियो की दवा पिलाने का निर्णय लिया है। हाई रिस्क क्षेत्रों में ईंट भट्टे, मुर्गी फार्म, फैक्ट्रियां, कंसट्रक्शन साइट, स्टोन क्रशर, खनन क्षेत्र व झुग्गी-झोपड़ियों को रखा गया है।
इसलिए जरूरी पोलियो की दवा
पोलियो का खतरनाक जंगली विषाणु दो देशों पाकिस्तान व अफगानिस्तान को छोड़कर पूरे विश्व से खत्म हो चुका है। अब तक पाकिस्तान में 79 और अफगानिस्तान में 53 केस पोलियो के मिले हैं। पोलियो के नए केस भी पाकिस्तान के पंजाब व सिंध क्षेत्र में मिले हैं। जिसकी सरहद भारत से लगती है। इसलिए पोलियो अभियान को गंभीरता से लिया जा रहा है।
पिछली बार 24837 बच्चों को पिलाई गई दवा
एक नवंबर 2020 को चले अभियान के तहत जिले में केवल 24 हजार 837 बच्चों को ही पोलियो की दवा पिलाई गई थी। यह अभियान भी हाई रिस्क क्षेत्रों में चला था। कोरोना महामारी की वजह से सभी बच्चे कवर नहीं हो सके थे। बाद में जनवरी माह में पूरे जिले के बच्चों को दवा पिलाई गई। अब फिर से हाई रिस्क क्षेत्रों का ही चयन किया गया है।
27 जून से चलेगा अभियान
सिविल सर्जन डा. विजय दहिया ने बताया कि 27 जून से तीन दिन तक पल्स पोलियो अभियान चलेगा। इसमें हाई रिस्क क्षेत्रों को ही कवर किया जाएगा। कोरोना महामारी की वजह से यह निर्णय लिया गया है।