पंजाब में कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मिलेगी आश्रित पेंशन, 21 वर्ष की उम्र तक निशुल्क शिक्षा

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RGAन्यूज़

पंजाब में कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों की मदद करेगी सरकार। सांकेतिक फोटो

पंजाब में ऐसे बच्चों को आश्रित पेंशन दी जाएगी कोरोना के कारण जिनके माता व पिता का निधन हो चुका है। 21 साल की आयु होने तक ऐसे बच्चों को सरकारी अदारों में निशुल्क शिक्षा भी दी जाएगी। अफसरों को ऐसे बच्चों की पहचान करने को कहा गया 

।  चंडीगढ़/ कोरोना में जिन बच्चों के माता और पिता दोनों का देहांत हो गया है सरकार उनको आश्रित पेंशन लगाएगी। साथ ही 21 साल की आयु होने तक सभी सरकारी संस्थानों में इन्हें ग्रेजुएशन तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से ऐसे बच्चों की सूचियां भेजने को कहा है जिन्होंने अपने मां और बाप दोनों को कोरोना में गंवा दिया है।

सामाजिक सुरक्षा, महिला व बाल विकास विभाग के डायरेक्टर विपुल उज्जवल ने बताया कि अब तक हमें 40 ऐसे बच्चों की सूचना मिल चुकी है जिनके मां और बाप दोनों ही कोरोना का शिकार हो गए। ऐसे आश्रित बच्चों को पेंशन लगाई जाए और उनको 21 साल की आयु तक सरकारी स्कूल और कालेजों में ग्रेजुएशन तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा उनके स्मार्ट राशन कार्ड व सरबत सेहत बीमा कार्ड भी बनाए जा रहे हैं । जहां पर लड़कियां आश्रित हैं वहां पर उन्हें आशीर्वाद स्कीम में भी कवर किया जाएगा।

विपुल उज्जवल ने बताया कि 664 ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली है जो अपने घर में कमाने वाला एकमात्र व्यक्ति था, लेकिन कोरोना के कारण उसकी मौत हो गई। ऐसे घरों में बच्चों को जहां आश्रित पेंशन लगाई जाएगी वहीं , उनकी मां को विधवा पेंशन के अधीन कवर किया जा रहा है। शेष लाभ वही दिए जाएंगे जो उन बच्चों को दिए जा रहे हैं जहां उनके मां और बाप दोनों ही नहीं रहे।

विपुल उज्जवल ने बताया कि यह योजना शुरू कर दी गई और जिन बच्चों के हमारे पास फार्म आ गए हैं उन्हें पेंशन लगा दी गई है। हमने सभी जिलों में पत्र इसलिए भिजवाया है कि अगर कोई रह गया है तो वह इसमें कवर हो जाए। काबिले गौर है कि हाल ही में सरकार ने विधवा, बुढ़ापा और आश्रित बच्चों को मिलने वाली पेंशन को 750 से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया है। यह एक अगस्त से मिलनी शुरू होगी।

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