बलियानाले से वाटर लिफ्टिंग के लिए एक माह में शुरू हो जाएगी ट्रायल बोरिंग

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

बलियानाले से वाटर लिफ्टिंग के लिए एक माह में शुरू हो जाएगी ट्रायल बोरिंग

नैनीताल की तलहटी पर स्थित बलियानाला पहाड़ी पर रिस रहे पानी को लिफ्ट कर शहर तक लाने की योजना पर समिति ने काम शुरू कर दिया है। अगले एक माह के भीतर पानी लिफ्टिंग के लिए ट्रायल बोरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

नैनीतालl नैनीताल की तलहटी पर स्थित बलियानाला पहाड़ी पर रिस रहे पानी को लिफ्ट कर शहर तक लाने की योजना पर समिति ने काम शुरू कर दिया है। अगले एक माह के भीतर पानी लिफ्टिंग के लिए ट्रायल बोरिंग करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। ट्रायल के लिए क्षेत्र के तीन स्थानों का चयन किया गया है। इन दिनों ट्रायल के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। जल्द टेंडर आयोजित कर काम शुरू कर दिया जाएगा।

बता दे कि शहर की तलहटी पर स्थित बलियानाले की पहाड़ी पर वर्षों से भूस्खलन हो रहा है। कारणों की जांच के लिए सिंचाई विभाग ने आईआईटी रुड़की के सहयोग से बीते वर्ष पहाड़ी का जियोफिजिकल इन्वेस्टीगेशन करवाया तो पहाड़ी में तीन स्थानों से भारी मात्रा में पानी रिसने की बात सामने आई। भूमि के अंदर अंडरग्राउंड रनिंग वाटर भूस्खलन का भी बड़ा कारण बन रहा है। रि

स रहे पानी के प्रबंधन को लेकर सिंचाई विभाग ने एक प्रोजेक्ट तैयार कर डीएम धीराज गर्ब्याल के सामने रखा। जिसमें रिस रहे पानी को ट्यूबवेल की मदद से शहर में सप्लाई करने और झील में डालने का प्लान तैयार किया गया। जिसके बाद डीएम ने विभिन्न विभागों की कमेटी का गठन कर इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार की। अब कमेटी नोडल जल संस्थान ने इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। अधिशाषी अभियंता संतोष उपाध्याय ने बताया कि फिलहाल ट्रायल बोरिंग की जानी है।

ट्रायल के लिए तीन स्थान किये चिन्हित

संतोष उपाध्याय ने बताया कि क्षेत्र में पानी की उपलब्धता जानने के लिए ट्रायल बोरिंग कार्रवाई जानी है। जिसके लिए हल्द्वानी मोटरमार्ग के नीचे की ओर रामलीला मैदान और सड़क के ऊपर जीजीआईसी परिसर और उसके कुछ नीचे तीन स्थानों का चयन किया गया है। भविष्य में क्षेत्र के और स्थानों का भी चयन किया जा सकता है।

चंडीगढ़ की कंपनी के सहमत नहीं होने पर टेंडर प्रक्रिया में जुटा विभाग

संतोष उपाध्याय ने बताया कि ट्रायल बोरिंग के लिए पूर्व में चंडीगढ़ की एक बोरिंग कंपनी से बात चल रही थी। मगर कंपनी के पास काफी भारी मशीन होने और बोरिंग को चिह्नित क्षेत्र संकरा होने के कारण कंपनी ने कार्य करने से इनकार कर दिया है। अब ट्रायल बोरिंग के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। ट्रायल बोरिंग के लिए टेंडर आयोजित कर एक माह के भीतर काम शुरू करवा दिया जाएगा।

भविष्य में पानी स्टोर कर लाने की भी है योजना

संतोष उपाध्याय ने बताया कि रिस रहे पानी को बोरिंग कर लिफ्ट करने की योजना पर फिलहाल काम किया जा रहा है। ट्रायल बोरिंग से ही पता लग पायेगा कि कितना पानी उपलब्ध हो पाता है। भविष्य में पहाड़ी से रिस कर नीचे को बह रहे पानी को डायरेक्ट लिफ्ट करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। मगर उसके लिए पहले पहाड़ी का ट्रीटमेंट होना जरूरी है। पहाड़ी के ट्रीटमेंट के बाद बह रहे पानी को कृष्णापुर की ओर संग्रहित कर आसानी से लिफ्ट किया जा सकता है

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.