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RGANEWS
बरेली - संजयनगर में जलभराव और नाले ने मुहल्ले के लोगों को आमने-सामने करा दिया। एक ओर बंद नाला खुलवाने वाले तो दूसरे ओर इसका विरोध करने वाले आ गए। मोर्चा महिलाओं ने संभाला। ज्यादा मुखर वे महिलाएं थीं, जिनके घरों की ओर नाला खुलवाया जाना था। नगर निगम की टीम कार्रवाई को पहुंची तो दर्जनों महिलाएं बिफर गई। जेसीबी के आगे बैठ गई, पुलिसकर्मियों ने हटाने की कोशिश की तो उनसे भिड़ बैठीं। पुलिस वाले तीन घंटे जूझे तब उन्हें काबू में किया जा सका। प्रदर्शनकारी महिलाओं को जबरन वहां से उठा दिया गया। कुछ को खदेड़ना पड़ा। जिसके बाद नाला खुलवाया जा सका। अब जलनिकासी हो सकेगी।
यह है विवाद की जड़
संजयनगर में मुख्य मार्ग पर बने नाले का एक छोर संपवेल की ओर है। नाला संजयनगर छोर से खुला है मगर संपवेल की ओर आते-आते बंद कर दिया गया। बारिश के दिनों में यही जलभराव की बड़ी वजह बना। आगे निकासी नहीं थी इसलिए पानी सड़कों पर भरा, घरों तक पहुंच गया था। तीन दिन बरसात में जलभराव पर खूब हंगामा हुआ था। अभी भी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जलभराव है।
यह समाधान तलाश
नगर निगम ने तय किया कि संपवेल छोर पर बंद नाला खुलवा दिया जाए तो पानी की निकासी आगे तक हो सकेगी। यही करने के लिए नगर निगम की टीम गुरुवार दोपहर को संजयनगर पहुंची थी। साथ में जेसीबी भी थी। क्योंकि लंबे वक्त से बंद नाले की कुछ खोदाई व मलबा हटाया जाना था।
इसलिए हुआ एक पक्ष से विरोध
नगर निगम की टीम को नाला खोलते देख संपवेल साइड में रहने वाली दर्जनों महिलाओं ने अचानक कर्मचारियों को घेर लिया। नाला खुलने का विरोध करने लगीं। कहा कि इससे होने वाली जलनिकासी से उनके घरों में पानी भर जाएगा। एक ओर के लोगों की समस्या दूर करने के लिए दूसरी ओर के लोगों के लिए नई परेशानी क्यों पैदा की जा रही। टीम ने अनसुना किया तो वे भिड़ गई। नोकझोक करने लगीं। सख्ती दिखाने पर कर्मचारियों से धक्का-मुक्की की गई।
दूसरे पक्ष की महिलाओं ने भी मोर्चा खोला, सड़क पर उतरीं
नाले के दूसरे छोर की तरफ रहने वाली महिलाओं ने विरोध करने वालों के तेवर देख तो आशंका हुई कि इससे काम न रुक जाए। वे लोग चाहते थे कि नाला खुले ताकि उनके घरों में भर रहा पानी इसके जरिये आगे निकल जाए। बवाल देखकर इस पक्ष से भी दर्जनों महिलाएं घरों से निकल आई। मांग करने लगीं कि नाला जरूर खुलवाया जाए क्योंकि यही समस्या का समाधान है। इस पर उनकी सामने वाले पक्ष से भी नोकझोक हुई।
हटेंगे नहीं, जेसीबी से कुचल दो
कार्रवाई का विरोध करने वाली महिलाएं सूखे नाले में ही बैठ गई। जेसीबी नहीं चलने दी। नारेबाजी करते हुए कहने लगीं कि हटेंगे नहीं, भले ही उन पर जेसीबी चला दी जाए। नगरनिगम कर्मचारियों ने हटाने की कोशिश की मगर वे धक्का-मुक्की करने लगीं। कार्रवाई कुछ देर को थमी तो दूसरे पक्ष की महिलाएं बिफर गई।
हालात बेकाबू देख पहुंची पुलिस
तीखा विरोध और दोनों पक्षों में भिड़ंत देखकर कर्मचारियों ने नगर आयुक्त आरके श्रीवास्तव को जानकारी दी तब फोर्स भेजी गई। महिलाओं को समझाने का प्रयास किया मगर वे जेसीबी के सामने से हटने को तैयार नहीं हुई। महिला पुलिसकर्मियों ने हाथ पकड़कर हटाने की कोशिश की तो भिड़ गई।
सख्त हुई पुलिस तो हो सका काम
बाद में महिला पुलिसकर्मियों ने विरोध करने वाले एक-एक महिला को जबरन वहां से हटाया। उन्हें उठाकर दूर ले गई, कई को हड़काया। जिसके बाद नाला खुलवाया जा सका।
कई बार हो चुका प्रदर्शन
पिछले सप्ताह ही बारिश के दिन यहां घरों में पानी भर गया था। इस पर लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। तब नाला साफ कराकर पानी निकालने का भरोसा दिया था।
बनने के बजाय बात बिगड़ी तो पहुंचे महापौर, नगर आयुक्त
क्षेत्र के लोगों को जलनिकासी से निजात के लिए नगर निगम ने यह व्यवस्था बनाई मगर यही कदम विवाद की वजह बन गया। नाला खुलने और जलनिकासी शुरू होने के बाद महापौर डॉ. उमेश गौतम, नगरायुक्त आरके श्रीवास्तव संजयनगर पहुंचे। विरोध करने वाले लोगों से मुलाकात की। कहा कि दूसरा नया नाला बनाया जा रहा है जिसके जरिये पानी आगे जाएगा।