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RGA न्यूज़
अपने माता-पिता को खो चुकी नवजात बच्ची।
भागलपुर के सुल्तानगंज में एक युवक ने आत्महत्या कर ली। कुछ दिन पूर्व उनकी पत्नी की मौत कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हो गया था। इसके बाद पति ने भी आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में लिखकर अपनी सारी संपत्ति नवजात बेटी के नाम कर दी है।
सुल्तानगंज (भागलपुर):- नौ माह तक मां ने जिस बच्ची को अपने कोख में पाला। इंजीनियर पति के साथ मिलकर हसीन सपने देखे। लेकिन कोरोना के इस महामारी ने उसकी ममता की गला घोट दिया। हंसता-खेलता परिवार ताश की पत्तों की तरह बिखर गया। यह कहानी निधि और सुगंध की है।
निधि और सुगंध ने दिल्ली की चांदनी रात में हसीन सपने देखे थे, अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपने बच्चों के लिए। सब कुछ ठीकठाक चल रहा था। निधि गर्भवती थी। बेटी ने जन्म लिया, खुशियों का माहौल था। लेकिन इसी दौरान निधि कोरोना संक्रमित हो गई। निधि को बचाने के लिए स्वजनों को लाख जतन किए। बड़े से बड़े डॉक्टरों के चक्कर लगाए। लेकिन विधि का लिखा कौन मिटा सकता है। बच्ची के जन्म के पांच दिन बाद ही उसकी मां दुनिया से चली गई।
सुगंध के सपने पल भर में बिखर गए। जिस बच्चा जिस परिवार और जिस खुशी के लिए सुगंध ने दिन-रात एक कर दिया था, वह बिखर चुका था। नवजात बच्ची ने तो अपनी मां का चेहरा भी नहीं देखा। अपने आंख के सामने यह सब कुछ देख सुगंध बर्दाश्त नहीं कर पाया और गुमसुम रहने लगा। एक माह के अंदर ही उसने आत्मकर कर ली।
जन्म के पांच दिन बाद मां की मौत और एक माह बाद पिता की आत्महत्या से नवजात अभी अनभिज्ञ है। बच्ची स्वजनों को देखकर मुस्कुराती है, किलकारियां लेती है। लेकिन हर एक आंख आंसू से डूबते हैं और सोचते हैं कि आखिर इस नवजात की क्या गलती है। जिसको भगवान ने इतनी बड़ी सजा दी है। बीते 25 फरवरी निधि की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई थी। वहीं सुगंध ने गले में फांसी लगा 18 जुलाई को आत्महत्या कर ली।
सुसाइड नोट में लिखा मौसी ही करेंगी बेटी की देखभाल, सारे जायदाद पर सिर्फ बेटी का हक
अपनी जिंदगी समाप्त करने से पहले सुगंध ने दो पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा है। सुगंध ने लिखा है कि उसके पास आत्महत्या के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सारी कमाई, सारी जायदाद, सारी खुशियां यह सब किसके लिए है। सुसाइड नोट में बकायदा उसने अपने सारे जायदाद, बैंक के अकाउंट, म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ एसआइपी और अपनी कमाई के पैसों का जिक्र किया है। इसके अलावा घर पर रखे दस्तावेज, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के पासवर्ड तक को सार्वजनिक करते हुए कहा है कि इस पर सिर्फ और सिर्फ मेरी बेटी का हक है। सुसाइड नोट में उसने जिक्र किया है कि मेरी बेटी का देखभाल बड़ी मौसी दीपशिखा गुप्ता और मौसा सुनील कुमार अग्रहरी करेंगे।
दोनों परिवार अगर लड़े तो नहीं मिलेगी आत्मा को शांति
सुसाइट नोट में सुगंध ने लिखा है कि बेटी की सारी जिम्मेदारी ननिहाल में होगी। उसके मौसा, मौसी, नाना नानी, मामा, मामी ही बेटी की सुरक्षा करेंगे। दोनों परिवारों के बीच कभी किसी प्रकार की लड़ाई ना हो इसलिए बकायदा उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि यदि दोनों परिवार के बीच किसी भी तरह का विवाद होगा तो फिर सुगंध की आत्मा को कभी शांति नहीं मिलेगी।
सुल्तानगंज में अपने दादी घर में है नवजात
फिलहाल बच्ची अपने दादी घर में है। बच्ची के दादा कैलाश चौधरी का आवास सुल्तानगंज के अपर रोड महाजन टोला में है। सुगंध और निधि के गुजर जाने के बाद घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। कोई कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। चारों ओर इस तरह की चर्चाएं हैं कि आखिर हंसता खेलता परिवार पल भर में कैसे बिखर गया। बच्ची की बुआ ने नवजात को दिल्ली से सुल्तानगंज लाया है।