RGA न्यूज उत्तर प्रदेश
बरेली। श्रावण माह में आज श्रावण माह की हरियाली अमावस्या के साथ स्नानदान की शनि अमावस्या का भी विशेष योग बन रहा है। इस योग में पितृ दोष एवं शनि दोष निवारण करना अतिउत्तम रहेगा। इस योग में पितृों के निमित्त किये हुये पूजा-पाठ का कई गुना फल प्राप्त होकर पितृों को मुक्ति प्राप्त होगी। जिससे पितृ तृप्त होकर विशेष कृपा करेंगे।
पीपल की पूजा श्रेष्ठ
बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि पितृ शान्ति के लिये अपने घर की दक्षिण दीवार पर अपने दिवंगत पूर्वजों के फोटो लगाकर उन पर हार चढ़ाकर सम्मानित करेें एवं विष्णु सहस्त्र नाम, गजेन्द्र मोक्ष, रूद्राष्टाध्यायी, पुरूष सूक्त, यम सूक्त, पितृ सूक्त एवं प्रेत सूक्त का पाठ करना अति उत्तम रहेगा। पितृ पूजा में दक्षिण दिशा मुख्यतः है, इसमें जौ, तिल, कुशा, दूध, शहद, गंगाजल आदि मुख्य वस्तु अवश्य रखे, तर्पण ज़रूर करें। पीपल वृक्ष की पूजा से पितृ दोष का निवारण श्रेष्ठ है, क्योकि पीपल वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है, देवी-देवताओं के साथ ही पीपल में पितृों का निवास भी माना जाता है।
क्या करें उपाय
इसकी शांति हेतु अमावस्या के दिन सवा मीटर सफेद कपड़े में 250 ग्राम साबुत चावल, एक सूखा नारियल व 11 रुपये बाँधकर 21 बार घुमाकर घर में किसी भी स्थान पर रख दें। एक गिलास में शुद्ध जल, एक गुलाब का पुष्प, एक इत्र का फोहा व एक सफेद बर्फी अलग रखे एवं पितृों से प्रार्थना करें। पितृ दोष पीड़ित व्यक्ति अमावस्या को खीर बनाकर रोटी पर रखकर जल से तर्पण करके गाय को खिलायें। पीपल पर जल अर्पित करने से पितृ दोष जनित दूर होती है।
शनि शांति के उपाय
मान्यताओं के अनुसार शनि देव जी का जन्म शनिवार को अमावस्या के दिन पर हुआ था। इसीलिए शनिवारी अमावस्या का विशेष महत्व है। ऐसा भी माना जाता है कि वास्तु का जन्म भी शनिवार के दिन हुआ। अतः जिन व्यक्तियों पर शनि की ढै़य्या एवं साढ़े साती का प्रभाव चल रहा हो उन्हे हनुमान जी को सिन्दूर एवं तेल का चोला अवश्य चढ़ाना चाहिए।जो व्यक्ति शनिवार को हनुमान जी को सिन्दूर अर्पित करता है उसकी सभी इच्छायें पूर्ण होती है। प्रातः काल किसी पीपल के पेड़ को जल चढ़ाये एवं सात परिक्रमा करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के समुख रात्रि में चैमुखा दीपक जलायें इसके करने से घर परिवार की सभी परेशानियाँ दूर होंगी।
शनिवार को हनुमान जी के मन्दिर में एक नारियल पर स्वास्तिक बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें इससे सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
शनिवार के दिन कृष्ण वर्ण के पशुओं को रोटी खिलाने से धन लाभ होगा।
शनिवार के दिन हनुमान जी के मन्दिर में हनुमान जी के सम्मुख ताँबे के दीपक में अलसी के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी का पूजन कर मूंगे की माला से नित्य 108 बार निम्नलिखित मंत्र हरि मर्कट मर्कट वाम करे, परिमुर्चात मुंचति शृंखलिकाम का जाप करने से सब बन्धन कट जाते है।