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बिहार पहुंचे केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह की सुरक्षा में शनिवार को बड़ी चूक हो गई। बेगूसराय जिले के अनुमंडल मुख्यालय मंझौल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री के काफिले को एस्कार्ट कर रही पुलिस की गाड़ी स्टार्ट नहीं हो पाया
मंझौल (बेगूसराय) बिहार पहुंचे केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह की सुरक्षा में शनिवार को बड़ी चूक हो गई। बेगूसराय जिले के अनुमंडल मुख्यालय मंझौल में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री के काफिले को एस्कार्ट कर रही पुलिस की गाड़ी स्टार्ट नहीं हो पाई। 10 मिनट तक ड्राइवर सेल्फ मारता रहा, मगर गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई। आखिर में धक्का देकर गाड़ी को स्टार्ट किया गया। इस बीच केंद्रीय मंत्री का काफिला मंझौल ओपी क्षेत्र से निकल चुका था। केंद्रीय मंत्री यहां मंझौल में पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। मंत्री के यहां से लौटने के क्रम में यह घटना हो गई। मंत्री का काफिला निकलने लगा तो एस्कार्ट कर रही मंझौल पुलिस की गाड़ी स्टार्ट ही नहीं हो सकी।
गिरिराज ने इमरजेंसी को बताया काला अध्याय
शनिवार को मंझौल स्थित जगदम्बी पुस्तकालय में 1974 इमरजेंसी आंदोलन के सेनानियों का सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंझौल पहुंचने के साथ ही शहीद नित्यानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और कहा कि इमरजेंसी देश के इतिहास में काला अध्याय है। तब पूरे देश में शुरू हुई क्रांति में जयप्रकाश नारायण ने नेतृत्व संभाला। उस दौरान अत्याचार और दमन इस कदर बढ़ गया थ कि पूरा देश जल रहा था। बिहार आंदोलन का केंद्र बिंदु था। बेगूसराय का मंझौल क्रांतिकारियों का गढ़ था। राजनीति में कांग्रेस और कम्युनिस्ट मिल गए थे।
लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत जनता होती है
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत जनता की ताकत होती है। उन्होंने कहा कि आज जो सरकार है, वह सब जेपी आंदोलन के कोख से पैदा लिए हैं। मगर लालू जी ने परिभाषा बदल दी। भ्रष्टाचार को शिष्टाचार में बदल दिया और सबसे बड़े घोटाले के नायक बने। जेपी का प्रभाव उनपर नहीं पड़ सका। क्षेत्र में करीब 40 जेपी सेनानियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को विधायक कुंदन सिंह, मनोज भारती, शालिग्राम सिंह सहित कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का काफिला बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामजीवन सिंह के यहां पहुंचा। उनसे मिलकर कुशल खेम पूछा। इस मौके पर भाजपा नेता शरद कुमार, संजीव झा, सुमित सन्नी, चंचल कुमार, कन्हैया कुमार, रामप्रवेश सहनी , जयजयराम सहनी सहित आदि मौजूद थे।