पंचायत अध्‍यक्ष के चुनाव में जीत के लिए भाजपा ने झोंकी ताकत 

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RGA न्यूज़

भाजपा प्रत्‍याशी के नामांकन के दौरान अन्‍य दलों के सदस्‍य भी दिखे।

भाजपा ने एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया और वरिष्ठ भाजपा नेता ठा. श्यौराज सिंह की पत्नी विजय सिंह की जीत के लिए अचूक रणनीति बनाई है। अभी तक पर्दे के पीछे से समर्थन करने वाले निर्दलीय सपा बसपा और भीम आर्मी के सदस्य शनिवार को सामने आ गए।

अलीगढ़, भाजपा ने एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया और वरिष्ठ भाजपा नेता ठा. श्यौराज सिंह की पत्नी विजय सिंह की जीत के लिए अचूक रणनीति बनाई है। अभी तक पर्दे के पीछे से समर्थन करने वाले निर्दलीय, सपा, बसपा और भीम आर्मी के सदस्य शनिवार को सामने आ गए। विजय सिंह के जुलूस में शामिल हुए और उन्हें जीताने का दावा किया। 

सपा के कुछ सदस्‍य भाजपा के साथ दिखे

विजय सिंह के नामांकन जुलूस में तस्वीर साफ नजर आती दिखाई दिखी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी सुधीर सिंह दिखाई दिए। उनकी पत्नी अंजू देवी विजय सिंह की प्रस्ताव भी थीं। चौधरी सुधीर सिंह ने स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से साथ में हैं। सपा के भी कुछ सदस्य भाजपा के साथ दिखाई दिए। भाजपा नेताओं का दावा भी है कि सपा के कई सदस्य उनके साथ हैं, सपाई सिर्फ दिखावे के लिए यहां आए हैं। एक मात्र भीम आर्मी से विजयी सदस्य भी भाजपा के साथ दिखीं। भाजपा ने नामांकन जुलूस में सबसे अधिक सदस्यों में निर्दलीयों को आगे करके यह साबित करने की कोशिश की कि उनके साथ हैं। बसपा से संजू सिंह की पत्नी पिंकी भी विजय सिंह की प्रस्तावक थीं, संजू भी जुलूस में साथ में थे। भाजपा ने नामांकन के दिन सपा, बसपा और निर्दलीय सदस्यों को अपने साथ लाकर विपक्ष को यह बताने की कोशिश की कि उनकी जीत सुनिश्चित है। इसलिए भाजपा ने पार्टी से जीते नौ सदस्य और छह बागियों में से प्रस्तावक नहीं रखे, अधिकांश प्रस्ताव निर्दलीय थे।

दिग्‍गज नेताओं की साख दांव पर

विजय सिंह की जीत को लेकर दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है। एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया स्वयं शुुरुआत से ही इस चुनाव को गंभीरता से ले रहे थे। विजय सिंह की जीत के बाद वो तुरंत अध्यक्ष की तैयारियों में लग गए थे। पूरी भाजपा एकजुट है। हालांकि, सबसे अधिक प्रतिष्ठा पूर्व कैबिनेट मंत्री ठा. जयवीर सिंह की लगी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की मंझे खिलाड़ी के रुप में जयवीर सिंह इस चुनाव में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। अंत समय में उन्होंने ही बाजी को पूरी तरह से पलटने का काम किया था। अब वो विजय सिंह की जीत के लिए लगे हुए हैं।

निर्विरोध नहीं जीता पाए

कई जिलों में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष निर्विरोध जीता लिया। मगर, अलीगढ़ में ऐसा करने से संगठन पीछे रहा। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने दबी जुबान में इस बात को स्वीकार भी किया। उनका कहना था कि जब सारी रणनीति बन गई थी, सदस्य भाजपा के साथ खड़े हैं, ऐसे में थोड़ी सी भी मेहनत कर ली जाती तो विजय सिंह निश्चित निर्विरोध अध्यक्ष जीत जातीं।

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