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प्रयागराज में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए सपा और भाजपा में ही टक्कर है, क्याेंकि दो ही प्रत्याशी हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहीं सपा प्रत्याशी मालती यादव हंडिया के वार्ड तीन से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पास 50 लाख की चल संपत्ति 1.55 करोड़ की अचल संपत्ति है। वहीं भाजपा प्रत्याशी के पास सपा प्रत्याशी से कई गुना अधिक संपत्ति है।
प्रयागराज, जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए शनिवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई। प्रयागराज में जिपं अध्यक्ष पद के लिए सपा प्रत्याशी मालती यादव और भाजपा प्रत्याशी डा. वीके सिंह ने ही नामांकन किया है। आपको शायद पता न हो कि दोनाें ही प्रत्याशी करोड़पति हैं। जी हां, इस खबर में हम आपको इनकी संपत्ति के बारे में बताएंगे।
सपा और भाजपा प्रत्याशियों की संपत्ति
जिपं अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे दोनों प्रत्याशी करोड़पति हैं। 38 वर्षीय सपा प्रत्याशी मालती यादव पत्नी रंग बहादुर हंडिया के वार्ड तीन से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनके पास 50 लाख की चल संपत्ति और 1.55 करोड़ की अचल संपत्ति है। वहीं भाजपा प्रत्याशी के पास सपा प्रत्याशी से कई गुना अधिक संपत्ति है। भाजपा प्रत्याशी 50 वर्षीय डा. वीके सिंह वार्ड चार से जिला पंचायत सदस्य हैं। इनके पास 1.83 करोड़ की चल संपत्ति और 6.74 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।
जिपंअ पद के लिए मैदान में सपा और भाजपा प्रत्याशी ही हैं
84 सीटों वाली जिला पंचायत में अध्यक्ष बनने के लिए 43 सदस्यों का वोट चाहिए। इतने सदस्यों का वोट जुटाने के लिए प्रत्याशियों तीन जुलाई को मतदान कराया जाएगा। नामांकन के बाद सपा प्रत्याशी मालती यादव और भाजपा प्रत्याशी डा. वीके सिंह समर्थक जीत का दावा कर रहे हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने बताया कि दोनों पर्चे वैध पाए गए हैैं।
तीन जुलाई को मतदान और उसी दिन मतगणना होगी
सपा और भाजपा प्रत्याशियों ने चार-चार सेट में पर्चा भरा और वह वैध पाए गए। इस तरह से मैदान मेें दो ही प्रत्याशी होने पर सपा और भाजपा में सीधी टक्कर है। पर्चा भरने के बाद दोनों अपने-अपने वोटरों को साधने में जुट गए हैं। अब 29 जून को नाम वापसी होगी। तीन जुलाई को मतदान और फिर उसी दिन शाम को मतों की गणना होगी।
नामांकन के दौरान कोविड गाइडलाइन तार-तार
नामांकन में फिर से एक बार कोविड-19 की गाइडलाइन का ध्यान नहीं रखा गया। नामांकन करने पहुंचे कुछ लोग मास्क लगाए थे तो कुछ नहीं लगाए थे। फिजिकल डिस्टेंस का भी पालन नहीं हो रहा था।
भाजपा प्रत्याशी के साथ रेखा सिंह ने कयासों पर लगाया विराम
पिछले 20 साल से जिला पंचायत की राजनीति की सक्रिय रेखा सिंह को इस बार भाजपा से टिकट मिलने की उम्मीद थी। हालांकि उनको टिकट न देकर भाजपा ने डा. वीके सिंह पर दांव लगाया है। इससे रेखा सिंह के खेमें में नाराजगी थी। उनको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। वह अपने पति के साथ भाजपा प्रत्याशी के साथ विक्ट्री का निशान दिखाते हुए मुस्कराते दिखी तो कयासों पर विराम लग गया।