भारतीय मूल के नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक सर वीएस नायपॉल का निधन

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भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता सर वी.एस.नायपॉल का रविवार को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। नायपॉल के परिजनों ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की है। उनका पूरा नाम विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल था।

नायपॉल की पत्नी लेडी नादिरा नायपॉल ने कहा कि उन्होंने रचनात्मकता और उद्यम से भरी जिंदगी जी। आखिरी वक्त में वो तमाम लोग जिन्हें वो प्यार करते थे, उनके साथ थे।

नायपॉल का जन्म 17 अगस्त 1932 को त्रिनिडाड में हुआ हुआ था। बाद में वह इंग्लैंड में बसे और उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। उनका पहला उपन्यास 'द मिस्टिक मैसर' साल 1951 में प्रकाशित हुआ था। 1990 में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें नाइट की उपाधि से नवाजा।

ब्रिटिश लेखक पैट्रिक फ्रेंच ने उनकी बायोग्राफी 'द वर्ल्ड इज वॉट इट इज : द ऑथोराइज्ड बायोग्राफी ऑफ वी.एस.नायपॉल' लिखी है, जिसमें उन्होंने बड़ी बेबाकी से अपने जीवन की घटनाओं के बारे में बताया है।

साल 1950 में उन्होंने एक सरकारी स्कॉलरशिप जीती। 'ए बेंड इन द रिवर' और 'अ हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास' उनकी चर्चित कृतियों में गिनी जाती हैं। नायपॉल को साल 1971 में बुकर और साल 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नायपॉल ने 30 से अधिक किताबें लिखीं। 

छात्र जीवन में वे अवसाद में घिरे और खुदकुशी करने की कोशिश भी की। अपने सबसे चर्चित उपन्यास ए हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास को लिखने में उन्हें तीन साल से ज्यादा का समय लगा। 

 

   

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