एसजीपीजीआइ निदेशक बोले- मास्क लगाइए, कुछ न कर सकेगी तीसरी लहर

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RGA न्यूज़

एसजीपीजीआइ के निदेशक आरके धीमन का साक्षात्‍कार

तीसरी लहर कोरोना की नहीं बल्कि उसके नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की होगी जो कि पहले की दो लहरों से कई गुना घातक है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने तीसरी लहर से जुड़े विभिन्‍न प्रश्‍नों के उत्‍तर दिए।

लखनऊ, हालात को समझना होगा। कोरोना संक्रमण की दो लहर हम झेल चुके हैं। दूसरी लहर से हुई त्रासदी से हम सबको सबक लेना होगा। कोरोना को लेकर लागू नियमों का गंभीरता से पालन करना होगा, तभी हम तीसरी लहर से खुद को सुरक्षित रख सकेंगे। क्योंकि तीसरी लहर कोरोना की नहीं, बल्कि उसके नए वैरिएंट डेल्टा प्लस की होगी, जो कि पहले की दो लहरों से कई गुना घातक है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने तीसरी लहर से जुड़े विभिन्‍न प्रश्‍नों के उत्‍तर दिए। 

सवाल: पहली लहर कोविड 19 की थी, संभावित लहर वायरस के किस वैरिएंट की होगी?

जवाब: पहली लहर वाइल्ड टाइप वायरस (मूल वायरस) की थी, दूसरी लहर में वायरस म्युटेंट हुआ। इससे डेल्टा वैरिएंट बना। डेल्टा वायरस में 17 म्युटेशन होते हैं, जैसे ही 18वां के 417 एन म्युटेशन हुआ, यह डेल्टा प्लस बन गया। इस म्युटेशन के साथ ही यह वायरस और घातक हो गया। संभावित तीसरी लहर डेल्टा प्लस वैरिएंट की होगी।

सवाल: वायरस के कितने वैरिएंट होते हैं?

जवाब: वैरिएंट दो तरह के होते हैं। पहला वैरिएंट ऑफ कंसर्न (वीओसी)। यह वाइल्ड टाइप वायरस से अधिक संक्रमण क्षमता वाला, अधिक घातक और इम्युनिटी को कम करने वाला है। यह वीओसी ही मुख्य है। दूसरा वैरिएंट सामान्य है।

सवाल: डेल्टा वैरिएंट अधिक घातक क्यों कहा जा रहा है।

जवाब: डेल्टा भारतीय वैरिएंट है। भारत में यह अक्टूबर 2020 में सामने आया। इसकी पांच विशेषताएं हैं। यह बहुत तेजी से फैलता है। यूएसए में सामने आए नए मामलों में 20 प्रतिशत और यूके में 60 प्रतिशत में डेल्टा पाया जाना इसी बात का प्रमाण है। यह वाइल्ड टाइप यानी मूल वायरस से चार गुना अधिक संक्रमण क्षमता वाला है।  यह टीकाकरण के प्रभाव को कम करता है। कोविशील्ड वाइल्ड टाइप यानी मूल वायरस पर 80 प्रतिशत प्रभावी है। डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने पर कोविशील्ड की दो डोज 60 प्रतिशत तक और एक डोज 33 प्रतिशत प्रभावी रह जाती है। ऐसे में टीकाकरण बेहद जरूरी है।

सवाल: क्या डेल्टा प्लस के केस यूपी में भी आए हैं।

जवाब: अभी तक यूपी में नहीं आए हैं, मगर महाराष्ट्र, केरल व मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस के केस जरूर हैं। 16 जून से 25 जून तक 11 देशों में डेल्टा प्लस के 200 से अधिक केस मिले, जबकि दो दिन पहले भारत में इसके 40 मामले हो गए हैं।

सवाल: यूपी में दूसरी लहर में हुई जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए गए सैंपल में कौन सा वैरिएंट मिला है?

 

जवाब: सैंपलिंग में 80 प्रतिशत में डेल्टा वैरिएंट पाया गया।

सवाल: यह वायरस शरीर के किस अंग को प्रभावित कर सकता है?

जवाब: यह मल्टी आर्गन को काम करने से रोकता है। किडनी, लिवर, हार्ट आदि को प्रभावित करता है।

सवाल: तीसरी लहर से बचाव के लिए सबसे कारगर विकल्प क्या है?

जवाब: तीसरी लहर से बचने के लिए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कैब) को फालो करें। इसमें तीन चीजें आती हैं। पहला मास्क, शारीरिक दूरी व हाथ धुलना। एक्सटेंडेड कैब का पालन कर आप खुद को अधिक सुरक्षित रख सकते हैं। इसमें पार्टियां न करें, अनावश्यक घर से यात्रा न करें।

सवाल: तीसरी लहर से बचाव के लिए एसजीपीजीआइ की ओर से क्या इंतजाम किए गए हैं?

जवाब: संस्थान स्तर पर बच्‍चों के लिए 100 बेड और 298 बेड वयस्कों के लिए तैयार हैं।

सवाल: क्या तीसरी लहर के बाद क्‍या संभावना है?

जवाब: हमें तीसरी लहर से निपटने के लिए ही खुद को तैयार करना होगा। इसके बाद स्थिति सामान्य रहेगी।

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