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हालात खराब देख रोडवेज प्रशासन ने 25 यात्री से अधिक मिलने के बाद ही बसों के संचालन का फैसला लिया।
कोरोना काल का ग्रहण यूपी रोडवेज बस सेवाओं पर ऐसा पड़ा है कि अभी तक सभी रुकी सेवाओं के थमे चक्के दौड़ नहीं पाए हैं। हालांकि थोड़ी राहत भरी बात यह है कि यात्री को तरस रहे रोडवेज को अब हफ्ते-दर-हफ्ते मुसाफिर मिलना शुरू हो गए हैं।
लखनऊ, कोरोना काल का ग्रहण रोडवेज बस सेवाओं पर ऐसा पड़ा है कि अभी तक सभी रुकी सेवाओं के थमे चक्के दौड़ नहीं पाए हैं। हालांकि, थोड़ी राहत भरी बात यह है कि यात्री को तरस रहे रोडवेज को अब हफ्ते-दर-हफ्ते मुसाफिर मिलना शुरू हो गए हैं। निरंतर हो रही यात्रियों की संख्या में वृद्धि से रोडवेज प्रशासन उत्साहित है।
लॉकडाउन हटने के बाद लखनऊ रीजन से जुड़े आधा दर्जन से अधिक डिपो के पहले हफ्ते जून 2021 में 1,037 बसों का संचालन किया गया। इस दौरान बस सेवाओं को महज चार लाख पचासी हजार यात्री बमुश्किल नसीब हो पाए। हालात खराब देख रोडवेज प्रशासन ने 25 यात्री से अधिक मिलने के बाद ही बसों के संचालन का फैसला लिया। तीसरा हफ्ता बीतते ही अब आंकड़ों में सुधार दिखने लगा है। यात्रियों की संख्या में दो लाख से अधिक का इजाफा दर्ज किया गया।
लखनऊ रीजन के बस स्टेशनों पर यात्रियों और आय का ब्योरा
- प्रथम हफ्ता-01 से 07 जून
- बस बेड़ा-1,037
- यात्री-4.85 लाख
- आय-437.60 लाख (रुपये में)
- दूसरा हफ्ता-08 से 15 जून
- बस बेड़ा-1,037
- यात्री-6.71 लाख
- आय-642.18 लाख (रुपये में)
- तीसरा हफ्ता-16 से 22 जून
- बस बेड़ा-1,037
- यात्री-6.91 लाख
- आय-642.84 लाख (रुपये में)
खड़ी हैं 35 लग्जरी सेवाएंः कोरोना काल के ग्रहण से यात्रियों के अभाव में परिवहन निगम की करीब 35 लग्जरी सेवाओं का पहिया रुका है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी अभी यह गति नहीं पकड़ पाई हैं। अब तक मात्र चार बसें ही चल पाई हैं। इनमें एक दिल्ली, दो वाराणसी, एक प्रयागराज और एक बलिया समेत करीब आधा दर्जन बसें ही चल पाई हैं। अंतर्रराज्यीय बसें भी बंद हैं। स्कैनिया, वॉल्वो, स्लीपर कोच समेत 30 सेवाओं के पहिए अभी थमे हुए हैं।
कोरोना काल में रोडवेज को बड़ी चपत लगी है। अधिकांश बेड़े को यात्री नहीं मिल पाए हैं। लग्जरी सेवाएं करीब-करीब बंद हैं। दो हफ्ते बीतने के बाद लॉकडाउन के तीसरे हफ्ते में सुधार दिख रहा है। यात्रियों की संख्या में दो लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। धीरे-धीरे सुधार आ रहा है