किसानों को मुआवजा: अब बिना प्रीमियम किसानों को मिलेगा फसल बीमा का लाभ, पूर्णिया में हलधर खुश, 31 जुलाई तक होगा आवेदन

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RGA न्यूज़

बिना प्रीमियम किसानों को मुआवजा मिलेगा, इसके लिए ऐलान किया गया।

किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार ने एक बेहतरीन कदम उठाया है। अब किसानों को प्रीमियम नहीं भरना होगा। इसके साथ ही यास तुफान में हुए नुकसान का भी किसानों को मुआवजा मिलेगा। रैयत और गैर रैयत किसान इस श्रेणी में शामिल होंगे।

 पूर्णिया। किसानों को मुआवजा: सरकार ने बिना प्रीमियम भरे ही किसानों को फसलों की क्षति पर उसका मुआवजा देने का निर्णय लिया है। प्राकृतिक आपदा की वजह से यदि किसानों की फसल एक से 20 फीसद भी क्षति होती है, तो उसका मुआवजा सरकार देगी। वह राशि तीन हजार से दस हजार तक हो सकती है।

हाल में यास तूफान के दौरान हुई फसल क्षति का मुआवजा भी किसानों को मिलेगा। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खरीफ फसल के नुकसान पर भी सरकार सहकारिता विभाग के माध्यम से फसल सहायता बीमा योजना के तहत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी। इसके लिए 31 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।

बिना आकलन किए सरकार देगी मुआवजा

मौसम की लगातार मार के कारण किसानों को अक्सर फसल क्षति का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार ने फसल सहायता बीमा योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़, सुखाड़ आदि से फसलों के उत्पादन में हुई कमी की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते हुए उन्हें अगली फसल के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना में बिना किसी बीमा कंपनी के फसलों के आकलन के आधार पर सरकार खुद फसल क्षतिपूर्ति का मुआवजा देगी। पहले फसलों का 33 फीसद से अधिक नुकसान पर सरकार मुआवजा देती थी लेकिन अब एक से 20 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर भी सरकार इसके तहत वित्तीय मदद देगी।

इसके लिए निबंधन निशुल्क है। फसल क्षतिपूर्ति दावा का आकलन और जांच के बाद ही मुआवजा फसल कटनी के 15 दिनों के अंदर किसानों के बैंक खाता में कर दिया जाएगा। निबंधन सहित सभी प्रकार की सूचना किसानों को उनके मोबाइल पर मिल जाएगी।

रैयत एवं गैर रैयती दोनों किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

बीमा का लाभ लेने के लिए किसानों को हर मौसम में ऑनलाइन निबंधन कराना होगा। रैयत श्रेणी के किसानों को अन्य सूचनाओं के साथ व्यक्तिगत पहचान पत्र, फोटो, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र, फसल का रकबा आदि की जानकारी अपलोड करनी होगी। गैर रैयत श्रेणी के किसानों को दूसरे की जमीन पर खेती करने संबंधी स्व-घोषणापत्र भी देना होगा। इसमें रकबा सहित बुआई की गई फसल की विवरणी रहेगी।

फसल बीमा के लिए नहीं देना होगा प्रीमियम

फसल बीमा के लिए किसानों को प्रीमियम नहीं देना है। बिहार सरकार एवं किसानों के बीच में तीसरा कोई नहीं होगा। डीजल सब्सिडी समेत अन्य योजनाओं का लाभ लेने वाले किसान, इसका लाभ ले सकते हैं। आपदा में मिलने वाली फसल की क्षति पहले की तरह जारी रहेगी। इसके तहत एक से 20 फीसद क्षति पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 7.5 हजार रुपये मुआवजा दिया जाना है। वहीं 20 प्रतिशत से अधिक क्षतिपूर्ति पर प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपये मुआवजा का प्रावधान किया गया है। इसके लिए जल्द मोबाइल से भी निबंधन की व्यवस्था होगी। कटाई के 15 दिनों के भीतर तय सहायता राशि के रुपये किसानों के खाते में जाएगा। दोनों तरह के किसानों को इसका लाभ मिलेगा।

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