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RGA न्यूज़
भोपाल के सरकारी स्कूल में छात्राओं की माताओं के लिए शुरू किया गया निशुल्क माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफिकेट कोर्स।
घर के कामों में दक्ष महिलाएं अब हाइटेक भी होने जा रही हैं। तीन माह का कंप्यूटर संबंधी कोर्स करने के बाद वे भी इससे जुड़े काम करते, ई-मेल, फेसबुक और टि्वटर जैसे इंटरनेट मीडिया पर जल्द सक्रिय नजर आएंगी। रोचक बात यह है कि इन महिलाओं को डिजिटल तकनीक सिखाने के काम में उनकी बेटियां ही मदद करने जा रही हैं। बेटियां इसका पहले ही प्रशिक्षण ले चुकी हैं। यह अभिनव पहल भोपाल के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जहांगीराबाद ने शुरू की है। स्कूल ने एक स्वयंसेवी संस्था काउंसेल्स कॉटेज के साथ मिलकर छात्राओं की माताओं को निश्शुल्क माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफिकेट कोर्स कराने का बीड़ा उठाया है। एक जून से इसका शुभारंभ ऑनलाइन कर दिया गया है।
कोर्स में प्रवेश केवल छात्राओं की माताओं को ही दिया गया है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद परीक्षा भी होगी और इसके बाद प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आठवीं या दसवीं पास रखी गई है। 250 माताएं शामिल भी हो गई हैं। संस्था के धीरज टिकास प्रशिक्षण देते भी हैं और छात्राओं से पढ़वाने का प्रबंध भी करते हैं।
50-50 महिलाओं का बनाया समूह
इसके लिए 50-50 महिलाओं का समूह बनाया गया है। फिलहाल ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही है। हर रविवार को दो घंटे की प्रैक्टिकल क्लास स्कूल में लगती है। एक जुलाई से सप्ताह में तीन दिन की कक्षाएं शाम पांच से सात बजे तक स्कूल में लगाई जाएगी। इस स्कूल की करीब 1000 छात्राएं माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफिकेट कोर्स पहले ही कर चुकी हैं। इनमें से करीब 700 छात्राएं पढ़ाई के साथ काम भी कर रही
बेटी से सीखने में नहीं रहती झिझक
आठवीं पास शकुन अहिरवार अपनी बेटी निशा की मदद से कंप्यूटर चलाना सीख रही हैं। वे कहती हैं कि पहले जब बेटी को कंप्यूटर पर काम करते देखती थीं तो मुझे भी इसे चलाने का मन करता था। अब अच्छा लग रहा है। बेटी सिखाएगी तो झिझक भी नहीं रहेगी। आठवीं पास मालती शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी 11वीं में है और कंप्यूटर चलाने में दक्ष हो गई है। अच्छा लग रहा है कि बेटी मुझे सिखा रही है। ऐसे ही विचार बारहवीं पास रीना यादव और आठवीं पास मोहिनी विश्वकर्मा के हैं।
प्रमाण-पत्र आगे काम आएगा
स्नातकोत्तर कर चुकीं हुस्न बानो भी यह कोर्स कर रही हैं। वे बताती है कि उन्हें इंटरनेट मीडिया का उपयोग आता है। इस कोर्स को करने के बाद प्रमाण पत्र मिल जाएगा, जो बाद में नौकरी या अन्य तरह के जॉब में काम आएगा।
इनका कहना है
माताओं को यह कोर्स कराने का उद्देश्य यही है कि वे तकनीक में दक्ष हो सकें और इंटरनेट मीडिया पर भी सक्रिय हों। साथ ही वे अपने बच्चों को डिजिटल पढ़ाई में मदद कर सकें। इस कोर्स को किसी निजी संस्था द्वारा करने पर दस से बारह हजार रुपये खर्च होते हैं। यहां निशुुुल्कक करवाया जा रहा है। महिलाएं भी सीखने में रुचि ले रही हैं।