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RGA न्यूज़
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख मनी लान्ड्रिंग के तहत भी शिकंजा
अनिल देशमुख के दो सहयोगियों की रिमांड के लिए अदालत को दिए गए दस्तावेजों में कहा गया कि देशमुख की अध्यक्षता वाले एक ट्रस्ट को दिल्ली स्थित फर्जी कंपनियों के जरिए 4.18 करोड़ रुपए दान स्वरूप भेजे गए। इससे पहले इन कंपनियों को यह राशि हवाला के जरिए भिजवाई गई।
मुंबई महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर फिलहाल पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त होने का मामला दर्ज है। लेकिन जल्दी ही उनपर मनी लान्ड्रिंग के तहत भी शिकंजा कस सकता है। क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय को उनके द्वारा एक बड़ी रकम के अनाधिकृत लेनदेन के सबूत मिल रहे हैं।
हवाला के जरिए फर्जी कंपनियों को भिजवाई गई बड़ी रकम
अनिल देशमुख के दो सहयोगियों की रिमांड के लिए अदालत को दिए गए दस्तावेजों में कहा गया है कि देशमुख की अध्यक्षता वाले एक ट्रस्ट को दिल्ली स्थित फर्जी कंपनियों के जरिए 4.18 करोड़ रुपए दान स्वरूप भेजे गए। इससे पहले इन कंपनियों को यह राशि हवाला के जरिए भिजवाई गई। देशमुख को मुंबई में यह पैसा विभिन्न आर्क्रेस्ट्रा बारों से वसूली के लिए प्राप्त हुआ था। यह वसूली देशमुख के निर्देश पर मुंबई पुलिस के पूर्व एपीआई सचिन वाझे ने यह कहकर की थी कि यह पैसा ‘नंबर – 1’ (यानी गृहमंत्री) को जाएगा। सचिन वाझे ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया है कि उसे गृहमंत्री की तरफ से मुंबई के उन बारों की सूची दी गई थी, जहां से वसूली की जानी थी।
ईडी ने 11 फर्जी कंपनियों की पूरी जानकारी हासिल कर ली
वाझे ने दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच विभिन्न बारों से करीब 4.70 करोड़ रुपए वसूले और दो किस्तों में देशमुख के सहायक कुंदन शिंदे को दिए। कुंदन शिंदे एवं देशमुख के पुत्र ऋषिकेश देशमुख के जरिए यह राशि दिल्ली स्थित 11 फर्जी कंपनियों को हवाला के जरिए भिजवाई गई, जहां से 4.18 करोड़ रुपए देशमुख की अध्यक्षता वाले श्री साईं शिक्षण संस्था नामक ट्रस्ट को भेजे गए। ईडी ने इन 11 फर्जी कंपनियों की पूरी जानकारी हासिल कर ली है। दिल्ली स्थित इन कंपनियों का कोई कारोबार नहीं है। इनका इस्तेमाल सिर्फ पैसों के लेनदेन के लिए किया जाता रहा है।
देशमुख के दो सहयोगी किए गए गिरफ्तार
शुक्रवार रात गिरफ्तार किए गए देशमुख के दो सहयोगियों कुंदन शिंदे एवं संजीव पलांडे पर ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। माना जा रहा है कि यदि ईडी के सामने मंगलवार को पेश होने जा रहे अनिल देशमुख ईडी के सवालों के संतोषजनक जवाब न दे सके, तो उनके बड़ी राशि के अनाधिकृत लेनदेन के मामले में उनके विरुद्ध भी इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उनपर कार्रवाई की जा सकती है।
अनिल देशमुख पर शिकंजा कसने के लिए ईडी एक-एक कदम सोच समझकर बढ़ा रही है। ईडी के अधिकारी दो बार तलोजा जेल में बंद सचिन वाझे से मिलकर उसका बयान दर्ज कर चुके हैं। वाझे ने स्वयं एनआईए कोर्ट को लिखे अपने हस्तलिखित पत्र में आरोप लगाया था कि देशमुख ने उसे अपने सरकारी आवास पर बुलाकर हर महीने बार एवं रेस्टोरेंट्स से 100 करोड़ रुपए वसूल करने का टार्गेट दिया था। वाझे ईडी को उन आर्क्रेस्ट्रा बारों की सूची भी दे चुका है, जहां से उसने 4.70 करोड़ रुपए वसूलकर देशमुख के सहायक कुंदन शिंदे को दिए।
ईडी के अधिकारी पैसा देनेवाले बार मालिकों का भी बयान दर्ज कर चुके हैं। साथ ही वह दिल्ली स्थित उन कागजी कंपनियों के मालिकों का भी बयान दर्ज कर चुके हैं, जिनसे हाल के दिनों में 4.18 करोड़ रुपए देश के ट्रस्ट में आए। ईडी ने 25 जून, 2021 को अनिल देशमुख के करीबी एवं परिवार के सदस्यों द्वारा परोक्ष रूप से नियंत्रित की
जानेवाली छह कंपनियों के डायरेक्टरों एवं शेयरधारकों के मुंबई, नागपुर, अहमदाबाद आदि के छह ठिकानों पर छापे मारे और कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं। ईडी को पता चला है कि इन फर्जी कंपनियों को स्थापित करने एवं उन कंपनियों से पैसों का अनाधिकृत लेनदेन करवाने में अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। माना जा रहा है कि एक बार देशमुख पर शिकंजा कसने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ऋषिकेश देशमुख सहित अनिल देशमुख के अन्य सहयोगियों से भी पूछताछ शुरू कर सकती है।