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हिसार में भाजपा के होर्डिंग फाड़ने पर दो नामजद सहित 15 पर दर्ज हुआ है केस
वीरवार को सिरसा रोड स्थित भाजपा कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी। इसी दौरान सेक्टर-14 के आसपास बीजेपी के होर्डिंग व पोस्टर फाड़ने पर बिचपड़ी निवासी संदीप व वीरेंद्र सहित 10-15 अन्य के खिलाफ शहर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।
हिसार : भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के दौरान अराजकता फैलाने वालों पर पुलिस ने शुक्रवार को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में किसान नेताओं ने प्रशासन व सरकार को चेताते हुए केस रद ना करने की सूरत में अंजाम भुगतने की धमकी दी है। इस बारे में किसान नेता शमशेर लाडवा ने बताया कि किसानों पर जो सरकार के आदेश पर केस दर्ज किए गए हैं वह सरासर गलत है। चंडीगढ़ में प्रदर्शन के बाद किसान संगठन डीसी और एसपी से बात करेंगे। इसके बाद भी अगर किसानों पर दर्ज एफआइआर को नहीं हटाया गया तो किसान आगामी रणनीति बनाकर आंदोलन करेंगे। इस मामले में सोमवार को किसान प्रशासन से मुलाकात कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि वीरवार को सिरसा रोड स्थित भाजपा कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी। इसी दौरान सेक्टर-14 के आसपास बीजेपी के होर्डिंग व पोस्टर फाड़ने पर बिचपड़ी निवासी संदीप व वीरेंद्र सहित 10-15 अन्य के खिलाफ शहर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है। मामले के संबंध में पुलिस ने भाजपा के जिला सचिव कृष्ण खटाणा की शिकायत पर धारा 147, 149 व 427 के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले में भाजपा नेता कृष्ण खटाणा ने बताया कि वह पार्टी को अपनी मां समझते हैं। मगर किसानों के भेष में आए कुछ अराजक तत्वों ने पार्टी को शर्मसार करने का काम किया है। पार्टी के पोस्टर व बैनर फाड़े गए। झंडे तक जलाए गए। मैंने वहां मौजूद कुछ लोगों की पहचान की थी जिनके नाम मैंने पुलिस को वीरवार को शिकायत में दिए थे।
मई में भी किसानों पर दर्ज हुए थे केस
मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब हिसार में संजीवनी अस्पताल का उद्घाटन करने आए थे तो उपद्रवियों ने हंगामा किया था और पुलिस पर पथराव किया था। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी लाठीचार्ज किया था। इस मामले में 150 से अधिक किसानों पर केस दर्ज किया गया था। इसके बाद किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी ने हिसार में शक्ति प्रदर्शन कर प्रशासन को एफआइआर रद करने के लिए मजबूर किया था। प्रशासन की तरफ आश्वासन मिला था कि एक माह में कानूनी सलाह के बाद एफआइआर रद कर दी जाएगी मगर अब तक प्रशासन की ओर से एक माह बीतने के बाद भी एफआइअार रद नहीं की गई है। इसको लेकर भी किसान नेता प्रशासन से सोमवार को मिलेंगे।