कानपुर रूट की ट्रेनें लेट नहीं होंगी

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देश से व्यस्ततम रेल मार्गों में एक दिल्ली-कानपुर के बीच इसी साल नवंबर से यात्री ट्रेनें लेट नहीं होंगी। नवंबर से इस रेल मार्ग पर चलने वाली मालगाड़ियों को पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के खुर्जा-कानपुर सेक्शन पर चलने लगेंगी। इससे दिल्ली-कानपुर रेल मार्ग पर सिर्फ यात्री ट्रेनें चलाई जाएंगी। ट्रेनें कम हो जाने से मौजूदा ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। 
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का खुर्जा-कानपुर (349 किलोमीटर) खंड लगभग तैयार है। कुछ माह बाद ट्रायल के बाद नवंबर माह से इस कॉरिडोर पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा।

ट्रेन की संख्या बढ़ेगी
दिल्ली-कानपुर रेल मार्ग पर चलने वाली मालगाड़ियों के डीएफसी पर चलने से उक्त रेल मार्ग पर दबाव काफी कम हो जाएगा। इससे दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर चलने वाली राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, मेल-एक्सप्रेस सहित 80 ट्रेनों का कानपुर तक समय पालन में सुधर होगा। अधिकारी ने बताया कि क्षमता बढ़ने से भविष्य में दिल्ली-कानपुर रेल मार्ग 40 फीसदी तक ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। पूर्वी डीएफसी पर 1.5 किलोमीटर लंबी हैवी हॉल मालगाड़ियां भी चलाई जाएंगी। इसमें 116 तक वैगन होंगे और 13000 टन माल की ढुलाई हो सकेगी। एक हैवी हॉल मालगाड़ी से 1300 ट्रकों के बराबर माल ढुलाई एक बार में हो सकेगी। वहीं डीएफसी पर मालगाड़ियां 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी। इससे माल ढुलाई का समय कम हो सकेगा। 

अटेली फुलेरा कॉरिडोर 15 अगस्त से खुलेगा 
रेल अधिकारी ने बताया कि दादरी-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर के हरियाणा के अटेली से फुलेरा (राजस्थान) लगभग 190 किलोमीटर खंड पर 15 अगस्त से मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे दिल्ली से जयपुर के बीच यात्री ट्रेनों का समय पालन दुरुस्त हो जाएगा। साल 2019 के आम चुनाव को देखते हुए सरकार डीएफसी के दोनों कॉरिडोर को अगले साल मार्च तक पूरा करना चाहती है।

दो डीएफसी का निर्माण जारी 
खासतौर पर मालगाड़ियों के परिचालन के लिए देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी है। पूर्वी गलियारा लुधियाना से डानकुनी (बंगाल) तक होगा। पश्चिमी गलियारा दादरी से मुंबई तक बनाया जा रहा है। इसके लिए 2006 में अलग से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का निर्माण किया गया।

3360 किलोमीटर होगी दोनों गलियारों की लंबाई
81,000 करोड़ रुपये निवेश होने का अनुमान है।
50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है डीएफसी पर 
2020 तक कॉरिडोर का काम पूरा होने की उम्मीद। 

चार और कॉरिडोर बनेंगे
केंद्र सरकार ने इसी साल जनवरी में चार और फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ी गलियारा) बनाने का प्रस्ताव पास किया है। ये कॉरिडोर दिल्ली-चेन्नई, कोलकाता-मुंबई, खड़गपुर-विजयवाड़ा, चेन्नई-गोवा के बीच बनाए जाएंगे। इन छह कॉरिडोर की कुल लंबाई 9485 किलोमीटर हो जाएगी। 

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