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भाजपा 40 से अधिक सदस्यों के साथ होने से आश्वस्त नजर आ रही, समाजवादी पार्टी जी-जान से जुटी हुई है।
भाजपा ने एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया और वरिष्ठ भाजपा नेता ठा. श्यौराज सिंह की पत्नी विजय सिंह की जीत के लिए अचूक रणनीति बनाई है। अभी तक पर्दे के पीछे से समर्थन करने वाले निर्दलीय सपा बसपा और भीम आर्मी के सदस्य सामने आये
अलीगढ़, भाजपा ने एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया और वरिष्ठ भाजपा नेता ठा. श्यौराज सिंह की पत्नी विजय सिंह की जीत के लिए अचूक रणनीति बनाई है। अभी तक पर्दे के पीछे से समर्थन करने वाले निर्दलीय, सपा, बसपा और भीम आर्मी के सदस्य सामने आ गए। भाजपा का दावा है कि ये सब साथ में हैं। भाजपा ने विपक्ष के सदस्यों को साथ में उतारकर यह बताने की कोशिश की है कि हमारे तो साथ में है हीं, विपक्ष के सदस्य भी पूरी दमदारी से साथ दे रहे हैं। इसलिए नामांकन जुलूस में पार्टी से विजयी सदस्यों को नहीं बुलाया गया था। विपक्ष के सदस्यों को सामने लगाकर दमखम दिखाने की कोशिश की गई। भाजपा भले ही 40 सदस्यों के साथ होने का दावा कर रही हो, मगर क्रास वोटिंग को लेकर धुकधुकी बंधी हुई है। वहीं सपा भी कम नहीं है। उसने भी जीत का दावा किया है।
नामांकन जुलूस में दिखे चौधरी सुधीर सिंह
विजय सिंह के नामांकन जुलूस में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी सुधीर सिंह खुलकर सामने आए। वो कलक्ट्रेट के अंदर तक गए। इसके बाद जिला पंचायत भी गए। उनकी पत्नी अंजू देवी विजय सिंह की प्रस्ताव भी थीं। चौधरी सुधीर सिंह ने स्पष्ट किया कि वह पूरी तरह से साथ में हैं। चौधरी सुधीर सिंह के ही पलटने से पूरी बाजी भाजपा की आेर पलट गई थी। निर्दलीय के साथ जाट सदस्य भी एकजुट हो गए थे। भाजपा चाहती तो सुधीर सिंह को अभी भी पर्दे के पीछे रख सकती थीं, मगर उनकी पत्नी और जिला पंचायत सदस्य अंजू देवी को प्रस्ताव बनाकर यह दिखा दिया कि विजय सिंह के साथ भरपूर सदस्य हैं। भाजपाइयों का तो दावा है कि शनिवार को नामांकन के समय सपा के कुछ सदस्य भी उनके साथ थे। भीम आर्मी से विजयी हुई एक मात्र सदस्य दुर्गेश के भी साथ होने का दावा भाजपाई कर रहे हैं। बसपा से संजू सिंह की पत्नी पिंकी भी विजय सिंह की प्रस्ताव थीं, संजू भी जुलूस में साथ में थे। भाजपा ने नामांकन के दिन सपा, बसपा और निर्दलीय सदस्यों को अपने साथ लाकर विपक्ष को यह बताने की कोशिश की है कि उनकी जीत सुनिश्चित है। इसलिए भाजपा ने पार्टी से जीते नौ सदस्य और छह बागियों में से प्रस्तावक नहीं रखे, अधिकांश प्रस्ताव निर्दलीय थे। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह का दावा है कि 40 से अधिक सदस्य भाजपा के साथ हैं, हमारे प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित है।
अंत तक नहीं मानेंगे हार, जरूर पटलेगी बाजी
भाजपा भले ही 40 से अधिक सदस्यों के साथ होने से आश्वस्त नजर आ रही हो, मगर समाजवादी पार्टी जी-जान से जुटी हुई है। सपा जिलाध्यक्ष गिरीश यादव का कहना है कि अभी एक हफ्ते का समय है। हम अंत तक संघर्ष करेंगे, बाजी पलट भी सकती है। रविवार को रात नौ बजे तक संपर्क किया। नामांकन के दूसरे दिन ही सपाई जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क के लिए निकल पड़ें। हालांकि, सपा नेताओं का कहना है कि 80 फीसद जिला पंचायत सदस्य बाहर हैं, 20 फीसद ही जिले में हैं। उनसे वो संपर्क कर रहे हैं, उन्हें बता रहे हैं कि किस प्रकार से भाजपा के प्रति लोगों का आक्रोश है। दावा है किया कि कुछ सदस्य साथ देने का पूरा वादा कर रहे हैं, जो सदस्य बाहर हैं, उनके परिवार से मिल रहे हैं। दो जुलाई तक हम संपर्क करेंगे, तमाम सदस्यों का मन बदल सकता है। भाजपा से सिर्फ नौ सदस्य जीत के आए हैं, 20 तक का आंकड़ा भाजपा पार नहीं कर पाई है, इससे पता चलता है कि जनता में भाजपा के प्रति कितनी नाराजगी है। सदस्य निश्चित सपा के साथ आएंगे।