सब्जियों के दाम ने बिगाड़ा रसोई का बजट, इतरा रही भिंडी, उबल रही सब्जियां

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RGA न्यूज़

सब्जियों के दाम ने बिगाड़ा रसोई का बजट, इतरा रही भिंडी, उबल रही सब्जियां

पिछले दिनों हुई बरसात के बाद से हो रही तेज धूप से हरी सब्जियां उजड़ गई। जिसके बाद से सब्जियों का दाम बढ़ने लगा है। साथ ही नासिक आदि से आने वाले टमाटर प्याज की कमी दाम बढ़ाने में सहायक हो रही है।

बरेली, पिछले दिनों हुई बरसात के बाद से हो रही तेज धूप से हरी सब्जियां उजड़ गई। जिसके बाद से सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है। साथ ही नासिक आदि से आने वाले टमाटर और प्याज की कमी भी दाम बढ़ाने में सहायक हो रही है। पिछले दिनों रामगंगा समेत अन्य नदियों में बारिश का पानी अचानक से आने से आस-पास लगाई गई हरी सब्जी कुछ उजड़ गई तो कुछ सड़ गई। जिसके चलते यहां से आने वाली लोकल की सब्जियां आना बंद हो गई।

केवल ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में बोई गई सब्जियां ही आ रही है। आढ़ती सलीम खान ने बताया कि नासिक से टमाटर और प्याज आता है। बारिश के कारण वहां से इनकी आमद कम हुई है। शिमला मिर्च, अरबी लोकल के साथ ही रामनगर, हल्द्वानी से आने के कारण दाम बढ़ गए हैं। सब्जी विक्रेता लालचंद्र ने बताया कि पिछले लगभग दस दिन में सब्जियों के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। फिलहाल इनके दामों में कमी होने की उम्मीद भी कम है।

एरिया के मुताबिक तय होते हैं रेट

फेरी कर सब्जी बेचने वाले एरिया व वहां की डिमांड के मुताबिक रेट तय करते हैं। सबसे अधिक रेट में सिविल लाइंस, ग्रीन पार्क, रामपुर गार्डन, माडल टाउन, राजेंद्र नगर, महानगर, रामवाटिका, पवन विहार समेत फ्लैट्स व सोसाइटी के रेट अधिक रहते हैं।

कीमत बढ़ने के पीछे मुनाफाखोरी का खेल

सब्जियों की कीमत बढ़ने के पीछे मुनाफाखोरी का खेल भी है। मंडी में आने से खुदरा बाजार तक पहुंचते-पहुंचते सब्जियों की कीमत कई गुनी तक हो जाती है। मंडी में किसान अपने उत्पादों को नीलामी के माध्यम से आढ़तियों को बेच देते हैं। आढ़ती सीधे खुदरा कारोबारियों की जगह मंडी के ही छोटो व्यापारियों को सब्जी बेच देते हैं। ऐसे में उधार देने पर आढ़तियों को पूंजी डूबने का डर नहीं रहता है।

सब्जी - डेलापीर मंडी थोक भाव प्रति किलो - कुतुबखाना मंडी - एलनक्लब मंडी - श्यामगंज मंडी

पालक - 20 - 40 - 30 - 30

शिमला - 15 - 50 - 40 - 30

भिंडी - 15 - 40 - 30 - 30

बैगन - 25 - 30 - 30 - 30

तरोई - 18 - 30 - 30 - 20

करेला - 15 - 40 - 30 - 30

परवल - 30 - 60 - 50 - 40

धनिया - 60 - 100 - 80 - 80

अरबी - 15 - 30 - 30 - 30

हरी मिर्च - 15- 40 - 20 - 40

गोभी - 20 - 50 - 45 - 40

लौकी - 12 - 30 - 25 - 20

अदरख - 40 - 100 - 60 - 80

टमाटर - 18 - 40 - 25- 30

कटहल - 10 - 40 - 20 - 30

आलु - 10 - 15 - 20 - 20

प्याज - 15 - 30 - 28 - 30

नीबू - 30 - 45 - 45 - 60

खीरा - 35 - 40 - 40 - 40

बरसातो होने से रामगंगा किनारे होने वाली हरी सब्जी अधिकांश सड़ गई है। जिसके कारण वर्तमान में अधिकांश हरी सब्जी बाहर से आ रही है। इस कारण कुछ रेट में बढ़ोत्तरी है। - शुजा उर रहमान, अध्यक्ष मिलन फ्रूट एंड वेजिटेबिल डेलापीर मंडी

हरी सब्जियों की आवक कम होने के साथ ही डिमांड ज्यादा है। किसान लोकल का कम आने के कारण भी कुछ रेट में बढ़ोत्तरी हुई है। - सलीम खां, सब्जी के थोक आढ़ती

सब्जी की उत्पादकता में अपनी पहचान रखने वाली नाथनगरी में ऊंचे दामों पर सब्जियां बिकना समझ से परे है। - शिवानी, गुलाम नगर

दुकानदारों द्वारा मनमाने भाव वसूलने पर प्रशासन का किसी तरह कोई शिकंजा नहीं होने से महंगाई बढ़ रही है। इस पर ध्यान देना चाहिए। - अर्चना, संजय नगर

मध्यमवर्गीय और उससे निचले स्तर के परिवारों की अर्थव्यवस्था चरामई हुई है। ऐसे प्रशासन को रोजमर्रा के सामान के भाव में तेजी को नियंत्रित करने के लिए सार्थक कदम उठाने चाहिए। -दिनकर, आलमगिरीगंज

सब्जियों की कीमत रोज बढ़ रही है। अब पहले की तुलना में कम मात्रा में सब्जी खरीद रहा हूं। टमाटर व प्याज के दाम बढ़ने से इसका असर थाली में पड़ा है। - सुरज पांडेय, जकाती मुहल्ला

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