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बेमौसम बरसात से मूंग की खेती से किसानों को नुकसान।
इस वर्ष बेमौसम बरसात होने के कारण मूंग की खेती ने किसानों को भारी नुकसान दिया है। काफी उम्मीद और विश्वास के साथ एक पूंजी की आस लिए बाराचट्टी इलाके के किसान मूंग की खेती करने की परंपरा का शुरुआत आज से पांच वर्ष पूर्व से प्रारंभ किए थे।
बाराचट्टी (गया)। इस वर्ष बेमौसम बरसात होने के कारण मूंग की खेती ने किसानों को भारी नुकसान दिया है। काफी उम्मीद और विश्वास के साथ एक पूंजी की आस लिए बाराचट्टी इलाके के किसान मूंग की खेती करने की परंपरा की शुरुआत आज से पांच वर्ष पूर्व से प्रारंभ किए थे। परंतु आए दिन लगातार हो रहे बरसात ने मूंग की खेती को चौपट कर दिया। इतना ही नहीं पौधे में तैयार मूंग बरसात के कारण खेत में ही रह गए।
तीन दिनों से किसानों ने ली है राहत की सांस
इधर, दो-तीन दिन से कम हो रहे बरसात के कारण किसानों को थोड़ी राहत मिली है। यह राहत वैसे किसानों को मिल रही है जो किसान पिछला मूंग की खेती लगाए थें। ऐसे किसान मूंग के पौधे से फसल को कहीं अचानक बरसात ना हो जाए इस डर से तोड रहे हैं परंतु वह अभी पूर्ण रूप से फसल तैयार नहीं हुआ है।
अच्छी फसल होती तो धान रोपने के लिए पूंजी बनती
बाराचट्टी प्रखंड के सरमां पंचायत अंतर्गत तिवारीचक गांव की रहने वाली कमला देवी अपने खेत में अन्य महिलाओं के साथ मूंग को तोड़ रही थी। वह बताती हैं कि इस साल मूंग की खेती से कोई फायदा नहीं हुआ। मेहनत पानी और पूंजी बेकार चला गया जिस उम्मीद से मूंग का खेती हम किसान सब करते हैं। उस पर भारी नुकसान हुआ है।
कमला देवी कहती है कि 15 कट्ठा में मैंने मूंग की खेती की थी जिसमें मात्र दो क्विंटल ही मूंग निकल पाया है। बीते वर्ष इससे दुगना फसल हुआ था कमला इस बात से चिंतित है कि धान रोपने के लिए पूंजी कहां से लाएंगे, क्योंकि पिछले वर्ष अच्छी फसल हुआ था बाजार भाव भी अच्छा मिला था। परंतु इस वर्ष खेती चौपट हुआ और मूंग का कोई सही कीमत नहीं मिल रहा है।