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RGA न्यूज कानपुर
एटीएम कार्ड क्लोन करके लोगों के बैंक अकाउंट से रुपये उड़ाने वाले गैंग का यूपी के कानपुर में कल्याणपुर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इंदिरानगर में एटीएम बूथ के पास से दबोचे गए तीनों शातिर बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। इनके पास से एक लैपटॉप, पांच मोबाइल, 17 एटीएम कार्ड, एक लाख 16 हजार रुपये, कार्ड क्लोन करने की डिवाइस बरामद हुई है। गिरोह का सरगना मुंबई में है। पुलिस उसके बारे में और जानकारी जुटा रही है। जानें पकड़े गए आरोपी कैसी मेहनत की कमाई को पलक झपकते ही खाते से उड़ा देते थे ..
इंदिरानगर स्थित इंडसइंड बैंक के एटीएम बूथ से दबोचे गए फरहान अहमद, इंजमामुल, वसीम अनवर खान ने पुलिस को बताया कि उन लोगों एटीएम कार्ड क्लोन करने की ट्रेनिंग मुंबई में ली थी। वारदात को अंजाम देने के लिए ऐसे एटीएम बूथ को चुनते थे, जहां पर गार्ड नहीं रहता था। फरहान ने बताया कि वह एटीएम (जहां कार्ड स्वाइप किया जाता) में एक डिवाइस लगा देते थे। इससे कई-कई बार कार्ड स्वाइप करने पर भी एटीएम से पैसा नहीं निकलता था।
इसका फायदा उठाकर वे मदद का झांसा देकर एटीएम कार्ड ले लेते थे। मौका मिलते ही मशीन से कार्ड को क्लोन करके वारदात को अंजाम देते थे। सीओ राजेश पांडेय ने बताया कि तीनों ने शहर में एटीएम कार्ड क्लोन करके कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।
मुंबई में ली कार्ड क्लोनिंग की ट्रेनिंग
वसीम ने बताया कि गोपालगंज का रहने वाला अरसद नाम का युवक नौकरी लगवाने के बहाने उन्हें मुंबई ले गया था। वहां पर अरशद ने तीनों को एटीएम कार्ड क्लोनिंग की ट्रेनिंग दी। साथ ही डिवाइस भी उपलब्ध करवाई थी। इसके लिए अरशद ने 50 प्रतिशत की पार्टनरशिप की थी। हर घटना के बाद जो भी रकम तीनों के हाथ लगती थी उसका 50 प्रतिशत हिस्सा अरशद के पास जाता था। वसीम ने बताया कि अरशद ने क्लोनिंग की ट्रेनिंग देने के बाद यूपी जाने के लिए कहा था।
कोई कक्षा 6 तो कोई कक्षा 8 पास
फरहान ने कक्षा 8, वसीम ने कक्षा 6 और इंजमामुल ने कक्षा 12 तक पढ़ाई की है। वहीं, ट्रेनिंग देने वाला अरशद बीटेक होल्डर है। उसने कंप्यूटर साइंस से पढ़ाई की है।