आंखाें में संक्रमण का खाैफ फिर भी काउंसलिंग में उड़ी कोविड गाइडलाइन की धज्जियां

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RGA न्यूज़

आंखाें में संक्रमण का खाैफ फिर भी काउंसलिंग में उड़ी कोविड गाइडलाइन की धज्जियां

जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में सोमवार को शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई। इस दौरान विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए।

बरेली, जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में सोमवार को शिक्षकों के रिक्त पदों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई। इस दौरान विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को किसी तरह के इंतजाम नहीं किए गए। शासन के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों की कोविड एंटीजन जांच कर ही खानापूर्ति कर दी गई। इसके अलावा न तो सैनिटाइजेशन की व्यवस्था थी और न ही थर्मल स्क्रीनिंग की। यही कारण था कि जहां एक ओर अभ्यर्थियों के चेहरे पर शिक्षक बनने की खुशी झलक रही थी तो वहीं संक्रमण का खौफ उनकी आंखों में दिख रहा था।

जिले में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों के लिए 110 अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। बीएसए ने बताया कि पहले दिन 110 अभ्यर्थियों में से 93 अभ्यर्थी ही काउंसलिंग के लिए पहुंचे। इसमें 45 पुरुष और 48 महिलाओं की काउंसलिंग हुई। बीएसए कार्यालय चार काउंटर लगाकर कोविड नियमों का पालन करने का प्रयास किया गया। लेकिन, जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से हर प्रयास असफल रहे। वहीं काउंसलिंग के लिए पहुंचे भावी शिक्षकों के बीच दो गज की दूरी का नियम भी दिखाई नहीं दिया। सुबह दस शुरू हुई काउंसलिंग प्रक्रिया देर शाम तक जारी चलती रही।

दस्तावेजों को एकत्र करने के लिए भटकते रहे अभ्यर्थी

काउंसलिंग के लिए पहुंचे अभ्यर्थियों ने बताया कि क्या दस्तावेजों लेकर आने हैं, इसकी जानकारी नहीं दी गई। यही वजह थी कि अभ्यर्थियों के पास कोई अभिलेख कम पड़ने पर उसे इधर-उधर भटकना पड़ा। आजमगढ़ से पहुंची मनीषा सरोज ने बताया कि दो बार काउंसलिंग के लिए कक्ष में गए और दोनों ही बार पूरे दस्तावेज न होने की बात कह कर भेज दिया। बदायूं से पहुंचे ऋषिपाल ने बताया कि वह काउंसलिंग के लिए सुबह 11 बजे आ गए थे। लेकिन, दस्तावेज पूरे न होने की वजह से उनकी काउंसलिंग शाम को पांच बजे के बाद हो सकी।

 

पहले दिन 110 अभ्यर्थियों में से 93 अभ्यर्थियों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो सकी। काउंसलिंग से पहले अभ्यर्थियों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था की गई थी। ताकि किसी तरह की कोई परेशानी न हो। विनय कुमार, बीएसए

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