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देश में बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के अब भी रुकने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और छत्तीसगढ़ में अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में उत्तराखंड में विशेषकर प्रदेश के आठ जिलों, देहरादून, टिहरी, पौडी, चमोली, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत और पिथौरागढ़, में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है जिसके मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने तथा किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिये गये हैं।
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में विशेषकर देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी तथा उधमसिंह नगर जिलों में इस दौरान कहीं-कहीं अत्यधिक भारी बारिश की आशंका जतायी है। प्रदेश में अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए सलाह दी गयी है कि पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों और मैदानी क्षेत्रों के निचले स्थानों में रहने वाले लोग सावधान रहें। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा जिलाधिकारियों को दिये निर्देशों में कहा गया है कि भारी बारिश के दौरान प्रदेश में कुछ स्थानों पर वज्रपात और बादल फटने जैसी घटनाओं से आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है इसलिए इस दौरान सतर्कता बरती जाये और अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयारी पूरी रखी जाये।
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि पर्वतीय क्षेत्रों में रात आठ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक बीमार व्यक्तियों को ले जाने वाले वाहनों या एम्बुलेंसों, आपातकालीन सेवा वाहनों, सैन्य और अर्धसैन्य वाहनों को छोडकर अन्य सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया जाये।
यूपी में 24 घंटे में जमकर बारिश
उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून की सक्रियता बनी हुई है और पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के अनेक हिस्सों में जमकर बारिश हुई। आंचलिक मौसम केन्द्र की रिपोर्ट के मुताबिक सूबे में पिछले 24 घंटों के दौरान कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हुई। इस दौरान निघासन में सबसे ज्यादा 13 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गयी। इसके अलावा नगीना में 12, बर्डघाट में 11, शारदानगर में 10, रायबरेली तथा पूरनपुर में नौ-नौ, फतेहपुर और पीलीभीत में सात-सात, अकबरपुर, बस्ती और मुरादाबाद में छह-छह, रामनगर, धामपुर तथा रामपुर में पांच-पांच सेंटीमीटर बारिश हुई। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई इस बारिश से मौसम सुहावना रहा और लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली।
अगले 24 घंटों के दौरान भी प्रदेश के अनेक हिस्सों में बारिश होने का अनुमान है। मौसम का यह रुख अगले दो दिन तक बने रहने की सम्भावना है। इस बीच, केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक घाघरा नदी का जलस्तर एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और तुर्तीपार (बलिया) में खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है। शारदा नदी भी पलियाकलां में अब लाल चिह्न से ऊपर बह रही है।
वहीं, शारदानगर में इसका जलस्तर खतरे के निशान के पास बना हुआ है। इसके अलावा गंगा नदी का जलस्तर नरौरा (बुलंदशहर), फतेहगढ़, गुमटिया (कन्नौज), अंकिनघाट (कानपुर देहात) और कानपुर में खतरे के निशान के नजदीक बना हुआ है। यमुना नदी का जलस्तर प्रयागघाट (मथुरा) में, सई नदी का रायबरेली में, राप्ती नदी का जलस्तर बलरामपुर और बांसी (सिद्धार्थनगर), क्वानो नदी चंद्रदीपघाट (गोण्डा) में लाल चिह्न के करीब है।
छत्तीसगढ़ में भी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के बस्तर और रायपुर संभाग मे एक दो स्थानों पर भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी और समीपवर्ती पश्चिम बंगाल के सुदूर तटीय क्षेत्र पर एक निम्न दाब क्षेत्र बना है। इसके प्रभाव से ऊपरी वायु चक्रवाती घेरा मध्य समुद्र तल से 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका है।
पिछले 24 घंटे में मानसून सक्रिय होने के कारण रायपुर जिले में एक दो स्थानों और बस्तर संभाग तीन-चार स्थानों मे भारी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार बड़ेराजपुर में 16 सेमी, आरंग एवं केशकाल में 15 सेमी, दुर्गकोंदल में 14 सेमी, कुसुमी, भानुप्रतापपुर में 13 सेमी, अंतागढ़,मालखरौदा में 09 सेमी, कांकेर, चरामा, मनोरा, माकड़ी, मैनपुर में 8 सेमी, प्रेमनगर, भरतपुर, कसडोल, पिथोरा में 7 सेमी, शंकरगढ़ में 6 सेमी बारिश दर्ज की गई।
सहारनपुर में बारिश से नदियां उफान पर
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में पिछले 24 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नागादेव समेत कई नदियां उफान पर हैं। तहसील सदर के दतौली मुगल, अल्हेडी बेहडा संदल सिंह का जिला मुख्यालय से सम्पर्क पूरी तरह से कट गया है और नदी किनारे बसे कई गांव बाढ की जद में है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि बेहट क्षेत्र के दबकोरा गांव के पास बह रही नदी में पानी के तेज बहाव में एक व्यक्ति डूब गया। स्थानीय गोताखोरों ने कडी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
बेहट के एसडीएम डीपी सिंह के मुताबिक शिवालिक पहाड़ों और मैदानी इलाको में बारिश से घाड की नदियों में बाढ़ आ गई है। दोनों ओर नदियों में आई बाढ़ की वजह से मिजार्पुर इलाके का डाडल गांव टापू बन गया है। ग्रामीणों ने बाढ़ के भय से रात सडकों पर गुजारी। बाढ से गांव का सम्पर्क मार्ग बह गया और मरीज को छोड़ने आई एम्बुलेंस गांव में फंस गई है। इस बीच कुंडा खुर्द गांव निवासी शराफत का कच्चा घर बरसात में गिर गया। मलबे में दबी उसकी पत्नी और नौ बच्चों को लोगो ने सकुशल बाहर निकाल लिया। एडीएम वित्त विनोद वमार् ने तहसीलदारो को नुकसान की भरपाई और पीड़ितों की राहत के निदेर्श दिए हैं।
सात राज्यों में बारिश और बाढ़ में 774 लोगों की मौत
गृह मंत्रालय ने कहा है कि मानसून के इस मौसम में सात राज्यों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 774 लोगों की मौत हो गई है। गृह मंत्रालय के नेशनल इमर्जेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) के मुताबिक बाढ़ और बारिश के कारण केरल में 187, उत्तर प्रदेश में 171, पश्चिम बंगाल में 170 और महाराष्ट्र में 139 लोगों की जान गयी है। आंकड़ों में कहा गया है कि गुजरात में 52, असम में 45 और नगालैंड में आठ लोगों की मौत हुई है। केरल में 22 और पश्चिम बंगाल में पांच लोग लापता भी हैं। राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 245 लोग जख्मी हुए हैं। बारिश और बाढ़ की विभीषिका से महाराष्ट्र के 26, असम के 23, पश्चिम बंगाल के 22, केरल के 14, उत्तर प्रदेश के 12, नगालैंड के 11 और गुजरात के 10 जिले ज्यादा प्रभावित हुए हैं। असम में राष्ट्रीस आपदा मोचल बल (एनडीआरएफ) की 15, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में आठ-आठ, गुजरात में सात, केरल और महाराष्ट्र में चार-चार तथा नगालैंड में एक टीम को तैनात किया गया है।
चारधाम यात्रा रोकने की सलाह
मौसम विज्ञान केंद्र ने हेमकुंड के साथ चारधाम की यात्रा रोकने की गाइडलाइन जारी की है। साथ ही आशंका जताई है कि भारी बारिश के कारण कई पर्वतीय मार्गों में भूस्खलन हो सकता है।
हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद
हरिद्वार से नजीबाबाद हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद हो गया है। रोडवेज की बसें नहर पटरी से वाया चिड़ियापुर होकर आ जा रही हैं। कोटावाली नदी में आया अधिक पानी रपटे के ऊपर बह रहा है। दोनों ओर भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। उधर, लालढांग की रवासन नदी में आए उफान से रसूलपुर मीठी बेरी की लगभग 7 हजार की आबादी का संपर्क रविवार रात से ही कट गया है। नदी में पानी आने के कारण सोमवार को बच्चे न स्कूल जा सके और न कर्मचारी काम पर निकल सके।