अमेठी में कांग्रेस ने फिर छोड़ा मैदान, भाजपा-सपा में घमासान

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RGA न्यूज़

सपा सीट बचाने के लिए तो भाजपा बड़ी जीत के लिए कर रही जोड़तोड़।

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा व भाजपा में सीधा मुकाबला है। सपा अपनी परंपरागत सीट बचाने के लिए मैदान में है तो भाजपा अमेठी की बदली हुई फिजा में भगवा रंग और चटक करने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है।

अमेठी, अमेठी में वापसी के लिए छटपटा रही कांग्रेस एक बार फिर चुनाव मैदान से बाहर है। जबकि विधान सभा चुनाव के ठीक पहले हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मिलने वाली जीत आने वाले समय में सियासी बढ़त बनाने का बड़ा हथियार बनेगी। यह बात सभी समझ रहे हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस के मैदान छोड़ने से उसके कार्यकर्ताओं में बेचैनी है। पिछली बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने अंतिम समय में अपना पर्चा उठा लिया था। नगर निकाय के चुनाव में भी कांग्रेस अमेठी में मैदान से बाहर थी। इस बार बसपा भी मैदान से बाहर हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा व भाजपा में सीधा मुकाबला है। सपा अपनी परंपरागत सीट बचाने के लिए मैदान में है तो भाजपा अमेठी की बदली हुई फिजा में भगवा रंग और चटक करने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है। सपा की ओर से विधायक राकेश प्रताप सिंह मैदान संभाले हुए हैं तो भाजपा की ओर से सांसद प्रतिनिधि विजय गुप्ता एक-एक वोट का गणित दुरुस्त करने में जुटे हैं।

अब तक महिला के हाथ रही कमान : जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर पहली बार 2010 में कांग्रेस की कमला देवी ने बसपा की उपमा सरोज को एक मत से हराकर काबिज हुई। 2015 में हुए चुनाव में भी महिला ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी। इस चुनाव में सपा की शिवकली मौर्य ने निर्विरोध जीत हासिल की। इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी अनारक्षित है। सपा ने एक बार फिर से गौरीगंज विधायक की पत्नी शीलम सिंह पर अपना दांव लगाया है। वहीं भाजपा ने बड़े उद्योगपित राजेश अग्रहरि को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। राजेश को केंद्रीय मंत्री स्मृति का बेहद खास माना जाता है।

तीन जुलाई को पड़ेंगे वोट, शाम को आएगा परिणाम : जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जिलाधिकारी न्यायालय कक्ष में तीन जुलाई को वोटिंग होगी। तीन तारीख को ही तीन बजे के बाद मतों की गिनती के बाद परिणाम घोषित हो जाएगा।

खोजे नहीं मिल रहे डीडीसी : जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है। जिला पंचायत सदस्य भी गायब होते जा रहा हैं। जिले में कुल 36 जिला पंचायत सदस्य हैं। नामाकंन के बाद एक-दो को छोड़ दे तो बाकी दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। सभी सदस्यों को चुनाव तक पुलिस ने सुरक्षा भी मुहैया कराई है।

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