जामताड़ा के साइबर ठगों के गिरोह का पर्दाफाश, भोपाल के व्यक्ति से की थी दस लाख रुपये की ठगी

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RGA न्यूज़

गिरोह में शामिल पांच लोग देश के कई राज्यों में चार साल से कर रहे थे धोखाधड़ी

भोपाल ,राजधानी की साइबर क्राइम ब्रांच टीम ने झारखंड के जामताड़ा से संचालित हो रहे साइबर ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह में पांच सदस्य हैं, जो बैंक अधिकारी बनकर केवायसी या एटीएम कार्ड अपडेट करने के नाम पर देश के कई राज्यों में ठगी करते आ रहे थे। इसी गिरोह ने भोपाल के एक व्यक्ति से भी 10,40,320 रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। जिसकी शिकायत के बाद साइबर टीम गिरोह तक पहुंची। पुलिस ने पांचों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। अब उनसे अन्य वारदातों को लेकर पूछताछ की जा रही है।

गिरोह को लेकर डीआइजी इरशाद वली ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पहले साइबर क्राइम ब्रांच को राजधानी के एक व्यक्ति द्वारा शिकायत की गई थी। जिसमें बताया गया था किसी अमरदीप श्रीवास्तव नामक व्यक्ति ने एसबीआइ अधिकारी बनकर उनके बैंक खाते का केवायसी अपडेट करने के लिए फोन किया था। इस दौरान उनसे खाता नंबर, एटीएम कार्ड नंबर और ओटीपी की जानकारी लेकर 27 बार में 10,40,320 रुपये आठ अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए गए। साइबर टीम ने जब मोबाइल नंबरों, बैंक खातों की जानकारी निकाली तो धोखाधड़ी के तार झारखंड के जामताड़ा समेत बंगाल के आसनसोल, वर्धमान समेत कई इलाकों से जुड़े निकले। सभी इलाकों में दबिश देकर जामताड़ा के कर्माटांड गांव से बीटेक पास मोहम्मद इमरान अंसारी, बंगाल के चितरंजन आसनसोल से एलएलबी पास अभिषेक कुमार सिंह, मोहम्मद अफजल, गुलाम मुस्तफा और 24 परगना से संजू देवनाथ को गिरफ्तार किया गया है। पांचों सदस्यों के गिरोह में अलग-अलग काम थे।

इंटरनेट मीडिया पर प्रोफाइल देखकर तय करते थे शिकार

गिरोह के सदस्यों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि इमरान और अभिषेक इंटरनेट मीडिया पर अपलोड लोगों की प्रोफाइल देखकर ठगी के लिए शिकार का चयन करते थे। मोबाइल के सीरियल नंबर में मन से नंबर जोड़कर कॉल करते थे। संबंधित के पास कॉल जाने के बाद बैंक अधिकारी बन केवायसी अपडेट करने के नाम पर ओटीपी लेकर खाते से ऑनलाइन राशि अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। यह गिरोह पिछले चार साल में मध्यप्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। आरोपित ज्यादातर एचडीएफसी और आइसीआइसीआइ बैंक के खातों का उपयोग राशि निकालने के लिए करते थे, क्योंकि इन बैंकों के एटीएम से अन्य बैंकों की तुलना में ज्यादा राशि निकाली जा सकती है। गिरोह 10 से 15 हजार में खाता धारकों से बैंक खाता खरीदता था, अब तक करीब सौ खातों का उपयोग ठगी के लिए किया जा चुका है। साइबर पुलिस ने आरोपियों के पास से एसबीआइ के एक खाते की पासबुक, 13 मोबाइल, 11 एटीएम और 50 फर्जी सिम जब्त की हैं। इसके अलावा डेढ़ लाख रुपये खातों में ब्लाक करवा दिए गए हैं।

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