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RGA न्यूज़
मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, यशोधरा राजे सिंधिया, अरविंद सिंह भदौरिया सहित अन्य मंत्रियों ने दिए सुझाव
भोपाल ,सिंचाई में सोलर पंप के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के तहत सरकार किसानों को अनुदान उपलब्ध कराएगी। यह केंद्र सरकार के बराबर 30 फीसद होगा। किसान का अंशदान नए प्रविधान लागू होने पर बढ़ जाएगा पर जो करीब 50 हजार आवेदन लंबित हैं, उनमें किसानों को पुरानी व्यवस्था के अनुरूप ही अनुदान मिलेगा।
यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा और कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सोलर पंप योजना में जिन्हें अनुदान का लाभ दिया जाए, उन्हें अन्य योजना में बिजली बिल पर अनुदान न दिया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस पर सहमति जताई कि ऐसे किसानों को दो-दो अनुदान का लाभ नहीं लेना चाहिए
बैठक में नवीन एवं नवकरणीीय ऊर्जा विभाग ने मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना में अनुदान को नए सिरे से तय करने का प्रस्ताव रखा। राज्य सरकार के प्रवक्ता गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि अधिक से अधिक किसानों को लाभ देने के उद्देश्य से राज्य का अनुदान 30 प्रतिशत रखने को स्वीकृति दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक चर्चा के दौरान कृषि मंत्री कमल पटेल ने सुझाव दिया कि सरकार एक बार में सोलर पंप लगाने के लिए अनुदान दे दे और फिर इसे खत्म कर दे। एक बार सोलर पंप लग गया तो फिर बिजली बिल ही नहीं आएगा और सरकार को बिजली अनुदान भी नहीं देना पड़ेगा। सबसे पहले दूरस्थ इलाके के किसान को योजना में शामिल किया जा
डॉ. मिश्रा, अरविंद सिंह भदौरिया ने एक किसान को एक ही योजना में अनुदान देने की बात रखी। दरअसल, कृषि विभाग किसानों को बिजली बिल में अनुदान देता है ताकि सस्ती बिजली मिले। दस हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इसमें सालाना खर्च किए जाते हैं। वहीं, सोलर पंप योजना में भी अनुदान दिया जाता है। इसका लाभ छोटे किसानों की तुलना में बड़े किसान अधिक उठाते हैं।
नए दरें आ गई हैं, खटारा हो गई हैं डायल 100 की गाड़िया
बैठक में डायल-100 सेवा को जारी रखने के लिए मौजूदा निविदा अवधि को छह माह बढ़ाने का निर्णय लिया गया। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंत्रियों ने कहा कि वाहन खटारा हो चुके हैं। इन्हें बदला जाए। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि छह माह में नए टेंडर किए जाएं।
अन्य फैसले
- मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उद्योग संवर्धन नीति के तहत प्रविधानों का अनुमोदन। अधिकतम 75 करोड़ रुपये की मिलेगी सहायता।