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RGA न्यूज वाराणसी
अधिकारियों के साथ बैठक करते केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसानों को 2022 तक अपनी आय दोगुनी करने के गुर सिखाये जाएंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को बताया कि एक सितंबर को शहर के बड़ा लालपुर स्थित दीनदयाल हस्तकला संकुल में किसान कल्याण कार्यशाला होगी। सर्किट हाउस में कृषि मंत्री ने पार्टी के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बीते चार साल में देश में कृषि में सतत विकास करने, किसानों को उचित मूल्य दिलाने, कृषि लागत में कमी लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। एक राष्ट्रीय मानक पर किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड जारी करना महत्वपूर्ण हिस्सा है। मिलावटी कारोबार रोकने के लिए नीम कोटेड यूरिया बनाने का काम किया गया।
कृषि विकास एवं मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत कृषि विकास योजना लागू की गई। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में लंबित पड़ी 99 योजनाओं को पूरा किया जा रहा है। किसानों को सिंचाई के लिए बिजली का अलग फीडर बनाने का काम अंतिम चरण में है।
मनरेगा के तहत किसानों की जमीन पर 10 लाख से अधिक तालाब खोदे गए। सब्सिडी दर पर किसानों को सोलर पंपसेट उपलब्ध कराया जा रहे हैं। पुरानी फसल बीमा योजना में सुधार किया जा रहा है। किसानों से जुड़े कई कानूनों में संशोधन किए गए। किसानों की उपज की इलेक्ट्रानिक माध्यम से खरीद फरोख्त की गई।
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देने को सरकार कटिबद्ध है। इसके तहत उत्पाद के समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई। खेती के अलावा पशुपालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम पालन पर जोर दिया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि अनुसंधान में बीते चार सालों में 795 प्रजातियां विकसित की गईं। इनमें 495 किस्म हर जलवायु के अनुकूल हैं। विज्ञान केंद्रों को प्रभावी बनाया जा रहा है। 112 आकांक्षी जिलों के 25-25 गांवों में नौ सूत्रीय कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
बीज अनुसंधान केंद्र को अत्याधुनिक बनाने के लिए सुझाव मांगे
केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह
राष्ट्रीय बीज अनुसंधान केंद्र चांदपुर में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र (इरी) का निरीक्षण कृषि मंत्री ने किया। केंद्रीय मंत्री ने संस्थान कर्मियों की बैठक कर बीज परीक्षण की विधियों को जाना और केंद्र को अत्याधुनिक बनाने को लेकर सुझाव भी मांगे।
डॉ. अरविंद नाथ सिंह ने सुझाव दिया कि अगर यह केंद्र विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला राष्ट्रीय बीज परीक्षण केंद्र बन जाए तो चावल अनुसंधान की तरह यहां से पूरे दक्षिण एशिया के देशों को अन्न उपजाने का लाभ पहुंचाया जा सकता है। मंत्री ने मिट्टी हेल्थ कार्ड, नीम कोटेड यूरिया और जीरो बजट में खेती पर चर्चा की।
केंद्र के निदेशक ने बताया कि इरी की स्थापना से राष्ट्रीय बीज अनुसंधान केंद्र को भी सीधा लाभ मिलेगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने पौधरोपण भी किया। इरी के निदेशक यूएस सिंह, बीज विश्लेषक डॉक्टर ए के वर्मा, विधायक रोहनिया सुरेंद्र नारायण सिंह एवं भाजपा जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।