10 मिनट में एटीएम कार्ड का क्लोन बना उड़ाते थे रकम, ऑनलाइन साइट से खरीदी थी हाईटेक डिवाइस

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RGA न्यूज़

कानपुर में बड़े साइबर गिरोह का पर्दाफाश।

कानपुर पुलिस ने तीन शातिर हैकरों को पकड़ा है। ये हैकर हाईटेक कार्ड क्लोनर व रीडर डिवाइस की मदद से डेबिट कार्ड का क्लोन तैयार करते थे। एटीएम बूथों और पेट्रोल पंपों पर मदद के बहाने करते शिकार को फंसाते थे।

कानपुर, पेट्रोल पंप और एटीएम बूथों पर मदद के बहाने ग्राहकों से एटीएम कार्ड लेकर उन्हें क्लोन करके खातों से रकम निकालने वाले हैकर गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपित हाईटेक डिवाइस की मदद से महज 10 मिनट में कार्ड का क्लोन बना लेते थे।

कार में मिले एटीएम क्लोनिंग के उपकरण : पुलिस के मुताबिक, कुलगांव स्थित विराट ढाबे के पास मंगलवार तड़के कार सवार तीन संदिग्धों को पकड़ा गया। जांच में सामने आया कि वे एटीएम हैकर हैं। आरोपित पेट्रोल पंपों के आसपास खड़े हो जाते थे। मदद के बहाने कार्ड लेकर चोरी छिपे क्लोनिंग डिवाइस में स्वाइप कर लेते थे। पुलिस को कार की तलाशी में एटीएम कार्ड में ओवरराइट करने वाली मशीन के साथ लैपटाप भी मिला है। पुलिस को आरोपितों ने अपने नाम श्याम नगर, चकेरी निवासी गौरव पांडेय, शिवकटरा निवासी आशीष यादव और गांधीग्राम निवासी जितेंद्र सिंह बताए हैं।

पट्रोल पंप और एटीएम बूथ पर ढूंढते थे शिकार : सीओ सदर सुशील कुमार दुबे ने बताया, तीनों आरोपित कानपुर, हमीरपुर, चित्रकूट, उन्नाव आदि जिलों और उत्तराखंड, मध्यप्रदेश व बिहार में घटनाओं को अंजाम देते थे। कार से घूमकर वे पेट्रोल पंपों व एटीएम बूथों पर मौजूद कर्मचारियों व गार्ड से मिलीभगत करते थे। ग्राहक के आने पर कर्मचारी कार्ड रीड न होने की बात कहता तो वे खुद कार्ड लेकर पहले अपनी कार्ड रीडर डिवाइस में स्वाइप करते थे। इसके बाद पासवर्ड देख लेते थे। कार में बैठा शख्स लैपटाप पर उसका क्लोन बनाकर आसपास के एटीएम से रकम निकाल लेता था। आरोपितों से नौ एटीएम कार्ड, नौ एटीएम पर्ची, मिनी स्वाइप मशीन, रीडर मेड मशीन, 13 हजार रुपये, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मोबाइल फोन व अन्य उपकरणों की भी बरामदगी हुई है।

अलीबाबा डाट काम से मंगवाई थीं मशीनें : पुलिस के मुताबिक, आरोपितों ने बताया है कि कार्ड स्वाइप और क्लोन करने के लिए जरूरी उपकरण व मशीनें उन्होंने अलीबाबा डाट काम ई-कामर्स वेबसाइट के माध्यम से मंगवाई थीं। कार्ड रीडर दो से ढाई हजार रुपये और कार्ड क्लोङ्क्षनग मशीन 25 हजार रुपये में ली थी।

आरोपित पहले भी जा चुके जेल, चकेरी में है मुकदमा : गौरव पांडेय पूर्व में भी चकेरी थाने से धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। इसके अलावा एक युवती ने भी शिकायत की थी। आशीष यादव भी उसके साथ हर वारदात में शामिल होता है।

जितेंद्र एटीएम में करता था गार्ड की नौकरी : आरोपित जितेंद्र पूर्व में चकेरी के ही एक एटीएम पर गार्ड की नौकरी करता था। वह मदद के बहाने लोगों से एटीएम कार्ड लेकर कार्ड रीडर मशीन में स्वाइप कर लेता था। शिकायत के बाद ही उसे नौकरी से निकाला गया था।

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