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पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। इस केस की जांच कर रहे खेकड़ा थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह ने लखनऊ जाकर बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह के बयान दर्ज कर लिए हैं। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमा सिंह ने दर्ज कराये अपने बयान में साफ कहा है कि कुख्यात सुनील राठी तो इस बड़ी साजिश का मोहरा भर है। नेताओं और अफसरों के गठजोड़ ने अपने स्वार्थ के लिये उनके पति की हत्या कराई है। इसके लिये सुनील राठी को इस्तेमाल किया गया है।
9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी, जिससे शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी पर बजरंगी की हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में तत्कालीन डिप्टी जेलर की ओर से खेकड़ा थाने में सुनील राठी को नामजद करते हुए मुन्ना बजरंगी की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। 9 जुलाई को ही बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने भी थाने में अलग से प्रार्थनापत्र देकर पूर्व सांसद समेत कई लोगों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इसे विवेचना में शामिल करने की मांग की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया था। इस मामले में जहां जेलर व डिप्टी जेलर समेत तीन को सस्पेंड कर दिया गया था, वहीं जेल में बंद दर्जनों बदमाशों से पुलिस अब तक पूछताछ कर चुकी है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए विवेचक एसपी सिंह सोमवार को लखनऊ पहुंचे और उन्होंने मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह के बयान दर्ज किये। सूत्रों के अनुसार सीमा सिंह ने अपने बयान में कहा है कि यह हत्या प्रशासनिक और राजनीतिक गठजोड़ के चलते हुई। इसमें सुनील राठी को मोहरे के तौर पर प्रयोग किया गया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह, रिटायर्ड सीओ के बेटे प्रदीप सिंह समेत कई बड़े लोगों ने शासन-प्रशासन के साथ मिलकर इस पूरी साजिश को रचा है। बड़े ही सुनियोजित ढंग से उसे अंजाम तक पहुंचाया गया। सीमा सिंह ने अपने बयान में कहा है कि 16 जुलाई 2018 को अपने पति को न्याय दिलाने के लिये उनका खुद का बयान पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज होना था। राजनीतिक और अपराधिक विरोधियों को लग रहा था कि मेरे पति बरी हो जाएंगे, उससे पहले ही साजिश रचकर उनकी हत्या करा दी गई।
लोकल पुलिस से उठ चुका है भरोसा
सीमा सिंह ने अपने बयान में साफ कहा है कि लोकल पुलिस से उनका भरोसा पूरी तरह उठ चुका है। सूत्रों के अनुसार सीमा सिंह ने कहा है कि 5 मार्च 2017 को हुए दोहरे हत्याकांड और 1 दिसम्बर 2017 को हुए तारिक हत्याकांड में लोकल पुलिस द्वारा न्यायालय में अंतिम रिर्पोट तक दाखिल कर दी है। इससे उनका विश्वास ही लोकल पुलिस से उठ चुका है।