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बीडीए की लापरवाही और अनदेखी से शहर में बनी अवैध कालोनियां अब बीडीए के लिए ही परेशानी का सबब बनने जा रही है। शासन से आए फरमान के बाद अब शहर की सभी अवैध कालोनियां का गूगल मैप तैयार करने के निर्देश उपाध्यक्ष को दिए गए हैं। यह काम 15 दिन में करना है।
शहर को योजनाबद्ध तरीके से बसाने की जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह असफल रहे बीडीए की लापरवाही का आलम यह है कि शहर में कोई भी कालानी वैध की श्रेणी में नहीं आ रही है। बीडीए के रेकार्ड में अभी तो 197 प्रमुख कालोनियां ही अवैध की श्रेणी में हैं लेकिन यह आंकड़ा काफी पुराना है और बीडीए अभी तक इतनी ही कालोनियों को अवैध मान रहा है।
जबकि कालोनियों की संख्या इससे ज्यादा है। अब शासन ने ऐसी कालोनियों को निर्मित करने वाले कालोनाइजरों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। इसके लिए वीसी को यह फरमान दिया गया है कि 15 दिन में अवैध कालोनियों का गूगल मैप तैयार कराएं। इस मैप की सक्षम प्रमाणित प्रति सील कर सुरक्षित रखी जाएगी। विकास क्षेत्र में निर्माण पर अकुंश के लिए शहर को जोन में बांटकर उनके नोडल अफसर नियुक्त होंगे। इन अफसरों का जब तबादला होगा तो यह अफसर गूगल मैप की हस्ताक्षरयुक्त प्रति अनिवार्यरुप से एक दूसरे को हस्तान्तरित करेंगे ताकि यह पता चल सके कि उक्त अफसर की तैनाती के दौरान कितना अवैध निर्माण हुआ है। अवैध निर्माण पर सम्बधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
आवास विकास परिषद की संपत्तियों पर भी अवैध निर्माण की यही प्रक्रिया लागू की जाएगी। शहर में आवास विकास परिषद के अफसर भी अवैध निर्माण के प्रति लापरवाह बने हैं। परिषद की संपत्तियों पर भी अवैध निर्माण धड़ल्ले से चल रहे हैं लेकिन उनकी ओर से नोटिस देने तक ही मामला सीमित है।