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RGA न्यूज़
बिल्डर ने जमा नही किया बिजली का बिल, विभाग ने काट दी अपार्टमेंट की बिजली
क्या हो अगर आप बिजली का बिल भी तय समय पर जमा करते हों बावजूद इसके बिल जमा न होने का हवाला देते हुए बिजली महकमा सुबह-सुबह बिजली कनेक्शन काट दे। वो भी उस मौसम में जब तपन के साथ शाम तक उमस भी हो...।
बरेली, क्या हो, अगर आप बिजली का बिल भी तय समय पर जमा करते हों, बावजूद इसके बिल जमा न होने का हवाला देते हुए बिजली महकमा सुबह-सुबह बिजली कनेक्शन काट दे। वो भी उस मौसम में जब तपन के साथ शाम तक उमस भी हो...। कुछ ऐसा ही हुआ बरेली शहर के बीचोंबीच पुराना रोडवेज बस अड्डे के सामने बने बिजनेस रेजीडेंसी अपार्टमेंट में, जहां का लाखों रुपये का बिल कई महीनों से जमा न होने की वजह से सुबह करीब नौ बजे बिजली कनेक्शन काट दिया गया। इस अपार्टमेंट में कई नौकरी-पेशा और व्यवसायी समेत 40 से ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवार रहते हैं। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के मुताबिक इसमें गलती न रहने वाले लोगों की है और न बिजली महकमे की, बल्कि लापरवाही बिल्डर की तरफ से हुई। काफी हंगामे के बाद करीब 13 घंटे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी।
अपार्टमेंट के फ्लैटों में लगे हैं प्री-पेड मीटर
बिजनेस रेजीडेंसी में 28 टू-बीएचके और 12 थ्री-बीएचके फ्लैट हैं। इसके अलावा कुछ स्टूडियो फ्लैट भी हैं। अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के मुताबिक बिल्डर ने सभी फ्लैटों के लिए प्री-पेड मीटर लगवाए हुए हैं। इनका भुगतान पहले करने के बाद ही बिजली आपूर्ति फ्लैटों तक पहुंचती है। बावजूद इसके सोमवार सुबह बिजली महकमे ने अपार्टमेंट का बिजली कनेक्शन काट दिया। पूछने पर पता चला कि लंबे समय से बिजली बिल बकाया है। अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि पिछले करीब तीन साल से बिल्डर प्री-पेड मीटर के जरिए बिल की रकम पहले ले लेते हैं, बावजूद इसके जमा नहीं करते।
साढे़ आठ लाख रुपये है बकाया
लोगों ने बिल्डर को फोन किया, लेकिन कोई सही बात नहीं पता चली। उपखंड अधिकारी से पूछा तो पता चला कि कई महीनों का करीब साढ़े आठ लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। इस पर अपार्टमेंट के लोगों ने फिर बिल्डर से बात की। हालांकि देर शाम तक बिजली बिल जमा नहीं हो सका। शाम को बिल्डर ने बिजली अधिकारी से बात कर करीब तीन लाख रुपये का चेक भिजवाया। हालांकि देरी की वजह से रसीद नहीं कट सकी, लेकिन कई लोगों की समस्या देखते हुए देर रात करीब दस बजे आपूर्ति बहाल कर दी गई।
डीजल के भरोसे रहें तो जेब खाली
अपार्टमेंट के लोगों का कहना है कि बिजली कनेक्शन के अलावा आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में सप्लाई के लिए जेनरेटर लगा है। लेकिन बिल्डर जेनरेटर चलाने के एवज में 18 से 20 रुपये प्रति यूनिट तक चार्ज करता है। ऐसे में 13-13 घंटे जेनरेटर चलने पर जेब पर भी मोटा असर पड़ता है।
बिल्डर ने सभी फ्लैटों के लिए प्री-पेड मीटर लगवाए हुए हैं। इनका भुगतान पहले करने के बाद ही बिजली आपूर्ति फ्लैटों तक पहुंचती है। अब हमें अलग पोस्टपेड कनेक्शन चाहिए।- अजय कुमार मिगलानी
बिल्डर को फोन किया, लेकिन कोई सही बात नहीं पता चली। एसडीओ से पता चला कि कई महीनों का करीब साढ़े आठ लाख रुपये का बिजली बिल बकाया है। ये गलत है।- प्रदीप गुप्ता
आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में सप्लाई के लिए जेनरेटर लगा है। लेकिन बिल्डर जेनरेटर चलाने के एवज में दोगुना शुल्क वसूलता है। बिल्डर की गलती की सजा हम भुगत रहे हैं।- शिवम मेहरोत्रा
मौसम की वजह से वैसे ही घर के बाहर निकलना दुश्वार है। ऊपर से प्री-पेड मीटर के जरिए एडवांस रुपये लेने के बावजूद बिल्डर का बिल जमा न करना गलत है।- कमर अशरा
अपार्टमेंट में 40 से ज्यादा मध्यमवर्गीय परिवार रहते हैं। सभी समय से मेंटीनेंस फीस व बिजली बिल आदि जमा करते हैं। फिर भी बिल्डर की लापरवाही से ये परेशानी है।- जतिन
घर से बाहर 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान है। अंदर आओ तो बिल जमा करने के बावजूद बिजली कटौती हो गई। ऐसे में किस तरह इस गर्मी के मौसम में लोग रहें।- सतीश अग्रवाल
साढ़े आठ लाख रुपये बिजली बिल बकाया था। शाम को बिल्डर ने करीब तीन लाख रुपये का चेक भिजवाया। हालांकि देरी की वजह से रसीद नहीं कट सकी, लेकिन कई लोगों की समस्या देखते हुए देर रात करीब दस बजे आपूर्ति बहाल कर दी।- गौरव शर्मा, उपखंड अधिकारी, कुतुबखाना सब स्टेशन