बिकरू कांड की बरसी पर खुला एक और राज, चौबेपुर एसओ ने बेइज्जती का बदला लेने के लिए बुना था तानाबाना

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RGA न्यूज़

बिकरू कांड में राहुल तिवारी ने बयां किया सनसनीखेज सच।

बिकरू में नरसंहार के एक साल बाद राहुल तिवारी ने हकीकत बयां की तो तत्कालीन चौबेपुर एसओ की खुन्नस सामने आई है। वहीं पुलिस ने बिकरू कांड के दो और आरोपितों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है।

कानपुर, जो एफआइआर बिकरू में आठ पुलिस वालों की हत्या का कारण बनी, वह फर्जी थी। यह कहना है एफआइआर दर्ज कराने वाले राहुल तिवारी का। बिकरू कांड के साल भर बाद दैनिक जागरण के साथ फोन पर बातचीत के दौरान राहुल तिवारी ने यह सनसनीखेज सच्चाई बयां की। उसके मुताबिक एक जुलाई को उसके साथ कुछ नहीं हुआ था बल्कि अपनी बेइज्जती के बाद एसओ ने ही एफआइआर की तानाबाना बुना, जिसमें मारपीट व अपहरण की कहानी गढ़ी गई।

बकौल राहुल तिवारी, ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन को लेकर उसका सुनील कुमार के साथ विवाद चल रहा था। लल्लन शुक्ला का भांजा सुनील बिकरू के विकास दुबे की भतीजी व शिवम दुबे की बहन का पति है। 27 जून को पहली बार इस मामले में विवाद बढ़ा। वह अपनी ससुराल से भैंस खोलकर अपने घर ला रहा था। रास्ते में सुनील कुमार, शिवम दुबे और बाल गोविंद उसे मिले। तीनों ने उससे भैंस, मोटरसाइकिल और पास में रखे 52 हजार रुपये मारपीट करके लूट लिए। इस घटना से जुड़ी तहरीर उसने थाना चौबपेुर में दी, लेकिन एसओ विनय तिवारी ने कोई सुनवाई नहीं की। जब उसने दबाव बढ़ाया तो एक जुलाई की दोपहर बाद विनय तिवारी समझौते का झांसा देकर उसे अपनी जीप में बिठाकर बिकरू ले गए।

उसे देखते ही विकास दुबे आग बबूला हो गया। इसके बाद एसओ के सामने उसकी पिटाई की गई। जब उसे जान से मार देने की बात हुई तो एसओ ने हस्तक्षेप किया। यह विकास के गुर्गों को पसंद नहीं आया और एसओ के साथ भी हाथापाई कर दी। किसी तरह जान बचाकर दोनों वहां से बाहर आए। इसके बाद एसओ ने खुन्नस में अपहरण और मारपीट की कहानी गढ़ी। उसने केवल 27 जून को तहरीर दी थी, जिसमें विकास दुबे का नाम नहीं था। एक जुलाई वाली तहरीर पर पुलिस के दबाव में उसने केवल हस्ताक्षर किए।

उस तहरीर का एक-एक शब्द एसओ विनय तिवारी का था। राहुल के मुताबिक उसने जांच के दौरान एसआइटी व न्यायिक आयोग के सामने भी यह तथ्य बता दिया है कि एक जुलाई को दर्ज एफआइआर झूठी तथ्यों पर थी, जिसे तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी ने तैयार की थी, क्योंकि विकास दुबे ने उसकी बेइज्जती की थी।

रमेश चंद्र और बबलू मुसलमान पर एनएसए तामील

चर्चित बिकरू कांड की बरसी से ठीक पहले पुलिस ने दो और आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई कर दी है। शासन से हरी झंडी मिलने के बाद बुधवार को मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपितों को माती जेल में नोटिस भी तामील कराई गई। इंस्पेक्टर चौबेपुर कृष्ण मोहन राय ने बताया कि डीएम ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी थी, उस पर अनुमोदन के बाद बबलू मुसलमान और रमेश चंद्र के खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ दो जुलाई 2020 की रात पुलिस पर गोलीबारी करने का आरोप है।

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