मॉडल स्टेशन जमालपुर में पार्सल की नहीं होती जांच, बिल देखकर सामान की होती है डिलीवरी, दरभंगा जैसा हो सकता है धमाका

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RGA न्यूज़

मॉडल रेलवे स्टेशन जमालपुर पर सामानों की जांच नहीं होती है।

मॉडल रेलवे स्टेशन जमालपुर पर सामानों की जांच नहीं होती है। लगेज स्कैनर नहीं होने से पार्सल में सामानों की जांच नहीं हो रही है। पार्सल के अंदर विस्फोटक है या कुछ और इसका पता नहीं रहता है।

 जमालपुर (मुंगेर)। रेलवे स्टेशन, पार्सल कार्यालय व ट्रेनों में आतंकी और नक्सली घटनाएं होने के बाद भी माडल स्टेशन (जमालपुर) पर सुरक्षा के कड़े उपाय नहीं किए गए हैं। लगेज स्कैनर नहीं होने से पार्सल में सामानों की जांच नहीं हो रही है। पार्सल के अंदर विस्फोटक है या कुछ और इसका पता नहीं रहता है। ऐसे में कुछ दिन पहले दरभंगा स्टेशन पर पार्सल कार्यालय के पास बम धमाके जैसी घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। माडल स्टेशन से हर दिन एक दर्जन ट्रेनों में पार्सल की बुङ्क्षकग होती है। यहां से पश्चिम बंगाल, गुजरात, गुवाहटी, जम्मूतवी, दिल्ली स्टेशनों के लिए पार्सल बुक होते हैं।

देश के कई राज्यों से आता है पार्सल

हाल के दिनों में ट्रेन से अवैध अर्धनिर्मित हथियारों की एक बड़ी खेप को रेलवे पुलिस ने पकड़ा था। रेलवे का पार्सल विभाग बिना कोई जांच के ही जमालपुर से बाहर के राज्यों में सिर्फ नाप-तौल व भेजने वाले का नाम व बताये पते के आधार पर भेजता है। इन समानों को कभी भी मेटल डिटेक्टर से चेक नहीं किया जाता है।

बंद पैकेट में क्या सामान है किसी को पता नहीं

मुंगेर जिला हथियारों का गढ़ माना जाता है। जबलपुर से गायब एके-47 में से 20 हथियार मुंगेर में ही बरामद हुए थे। आतंकी से लेकर नक्सली तक को मुंगेर में बने हथियार की आपूर्ति होती है। जांच की सुविधा नहीं होने से अवैध और विस्फोटक सामान की बुङ्क्षकग होती है। बंद पार्सल की जांच नहीं होती ऐसे में पैकेट के अंदर क्या है किसी को मालूम नहीं है। पार्सल घर में सामान को चेक करने वाला स्कैनर भी नहीं है, जिससे समान को देखा जा सके। जबकि नियम के अनुसार सभी समानों को विधिवत देखने के बाद ही उसे स्वीकृति देनी है। कई राज्यों से ट्रेन से सामान आते हैं, जिसमें कपड़ा, फल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान भी रहते हैं।

नहीं सतर्क है विभाग, जांच मशीन जरूरी

व्यापारियों व रेल यात्रियों को समान लाने या भेजने को लेकर रेलवे ने पार्सल की व्यवस्था की है। पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिग नहीं हो और पार्सल कोच तक प्रतिबंधित सामान नहीं पहुंचे इसको लेकर पार्सल इंचार्ज की प्रतिनियुक्ति की गई है। जो एक-एक पार्सल की जांच करने के साथ-साथ लोड करने की अनुमति देते हैं। लेकिन, बुङ्क्षकग पार्सल पैकेट में क्या सामान है। बुकिग करने से पहले पार्सल पैकेट की स्कैन नहीं किया जाता है। इस स्थिति में विस्फोटक समान की भी पार्सल में बुकिग करा कर अप्रिय घटना का अंजाम दिया जा सकता है। दरभंगा स्टेशन के पार्सल कोच व पार्सल घर से प्रतिबंधित वस्तुओं के बरामद होने से इस तरह की आशंका और बढ़ गई है। इसके बावजूद रेलवे पार्सल बुकिग को लेकर सतर्क नहीं हैं।

इन ट्रेनों में पार्सल की बुङ्क्षकग

-भागलपुर-आनंद विहार टर्मिनल विक्रमशिला एक्सप्रेस

-भागलपुर-सूरत एक्सप्रेस

-भागलपुर-अजमेर एक्सप्रेस

-भागलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस

-मालदा-दिल्ली फरक्का एक्सप्रेस

-जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस

-भागलपुर-दानापुर एक्सप्रेस

-गया-हावड़ा एक्सप्रेस

-भागलपुर-मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्सप्रेस

-दिल्ली-कामख्या ब्रह्मपुत्र मेल

-भागलपुर-एलटीटी एक्सप्रेस

-गुवाहटी-एलटीटी एक्सप्रेस

बेहतर सुविधा के साथ रेलवे पार्सल का कार्य कर रेलवे राजस्व को बढ़ाने के लिये सजग है। पार्सल में रखे गए सामानों की सुरक्षा व संरक्षा को लेकर आरपीएफ से सहयोग मिलता है। कभी कोई घटना नहीं हुई है।

-अमर कुमार, कामर्शियल ट्रैफिक इंस्पेक्टर। पार्सल विभाग

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पार्सल से आए सामानों की जांच हैंड मेटल डिडेक्टर से होती है। किसी सामानों पर विशेष रूप से जानकारी व संदिग्ध होता है तो पार्टी को बुलाकर जांच कराया समान को चेक किया जाता है।

- सुजीत कुमार यादव, आरपीएफ इंस्पेक्टर

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